मध्य प्रदेश

पूर्व मंत्री दीपक जोशी आज कांग्रेस में होंगे शामिल : सुबह भोपाल रवाना होते समय किया ट्वीट – समय हर बात सिद्ध करेगा

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे स्व. कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी आज कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। वे सुबह करीब 11 बजे तक पीसीसी दफ्तर पहुंचेंगे, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एवं अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में वे कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। दीपक  जोशी ने आज सुबह भोपाल रवाना होते समय ट्वीट कर कहा कि समय ही हर बात सिद्ध करेगा। ईमानदारी मेरी विरासत है, मेरी पूंजी है, वो मेरे साथ हैं। प्रणाम पिताजी। इसके बाद वे देवास पहुंचे, जहां खेड़ापति मंदिर में दर्शन करने के बाद भोपाल के लिए रवाना हो गए। वे सबसे पहले भोपाल में 74 बंगले स्थित कैलाश जोशी के आवास रहे सरकारी बंगले बी-30 पर पहुंचेंगे। यहां से वे अपने पिता की तस्वीर हाथों में लेकर पीसीसी कार्यालय पहुंचेंगे।

दीपक जोशी ने भाजपा से नाराजगी के ये प्रमुख कारण बताए…..

  • दीपक जोशी ने चर्चा में कहा- मेरे पिता मुख्यमंत्री रहे। भोपाल से सांसद रहे। वहां से वोटर रहे। उनके नाम पर कुछ नहीं। उनका स्मारक बनाने की मांग की, तो कमलनाथ जी ने पूछा- बताइए कहां जमीन चाहिए। हाटपिपलिया में तीन महीने में जमीन का आवंटन कर दिया। शिवराज जी को 30 महीने स्मारक की स्वीकृति देने में लग गए। दीपक जोशी ने कहा- मैंने चुनाव नहीं लड़ने की बात कमलनाथ जी से कही है। राज्यसभा, लोकसभा में भी नहीं जाना चाहता और न ही संगठन (कांग्रेस) में पद नहीं चाहता हूं। अगर पार्टी चाहती है, तो मैं बुधनी से शिवराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए सहर्ष तैयार हूं। बस! पार्टी पहले बता दे। वर्तमान में भयंकर भ्रष्टाचार है। मैं जानता हूं कि देवास जिले के परिदृश्य में मुझे आतंकवादी जैसा देखा जाता है।
  • दीपक जोशी ने कहा- मेरे साथ यदि कोई जाता है, तो जिलाध्यक्ष तुरंत फोन लगाता है कि इसके साथ नहीं जाना है। जब दूसरा कार्यकर्ता करता है, तो उसे शबाशी दी जाती है। इसका उदाहरण चंदाना मंड़ल अध्यक्ष पवन सिंह है। जिसे बिना नोटिस दिए हुक्मरानों ने बिना सोचे समझे हटा दिया। मुझे हुक्मरानों से पूछना है कि जिसको आपने 6 साल के लिए डिफॉल्टर कहते हुए निकाला था, डेढ़ साल बाद उसी को गले लगाते हो, मालाएं डालते हो। जनसंघ के जमाने से बिना जाति-धर्म के आधार पर काम करने वाले को दूध में मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया। कार्यकर्ताओं का अपमान करने वाली पार्टी मुकाबला कर पाएगी, ऐसा नहीं लगता।

हाटपिपल्या सीट पर बदल गए समीकरण

हाटपिपल्या सीट पर राजेंद्र सिंह बघेल विधायक चुने गए थे। इसके बाद जब पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी की एंट्री हुई, तो वे लगातार दो बार यहां से विधायक रहे। इसके बाद मनोज चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में दीपक जोशी को चुनाव हरा दिया। एक बार फिर उपचुनाव में मनोज चौधरी की जीत हो गई। इस बार भी बीजेपी की ओर से मनोज चौधरी ही उम्मीदवार माने जा रहे हैं।

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