लेखक की कलम से

पहला प्यार …

 

जीवन में पहला प्यार पहला प्यार,

जैसे कली में यौवन का निखार,

हो जाता पुलकित तन ये हर्षित मन,

छिड़ जाती प्रीत की मधुर झंकार,

जीवन में पहला प्यार पहला प्यार।

 

जिसे बार-बार मिलने का मन हो,

देखने के लिये जिया बेकरार,

दिन-रात दिल जिसकी याद मे हो,

जिससे मिलते हो ये मन के विचार,

जीवन में पहला प्यार पहला प्यार।

 

प्रेम सुधा मे डूबा हुआ चित,

मन मे उठे चंचलता का उभार,

मधुर मिलन मे सम्पूर्ण अपनत्व,

जो बनाता जीवन का आधार,

जीवन में पहला प्यार पहला प्यार।

 

हरेक इंसान के जीवन में आना,

ये है प्रकृति का अनमोल उपहार,

मिल पाना हो य बिछड़ जाना हो,

ये किस्मत की जीत हो या हार,

जीवन में पहला प्यार पहला प्यार।

 

©झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड

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