लेखक की कलम से
कर दो बेडापार ….
पड़ी कोरोना की मार मैया कर दो बेड़ा पार
हुई जनता अब लाचार मैया कर दो बेड़ा पार ।
घर-घर असुर बन खड़ा कोरोना करता है मनमानी
कोई अस्त्र नहीं हाथ किसी के मुश्किल जान बचानी
अछूत हुए सभी रिश्ते नाते चली हवा बेगानी
छूटे कैसे इससे जान मैया तन मन जार जार ।
पड़ी कोरोना की मार मैया…….
गांव नगर मचा हाहाकार है बिगड़ी आज कहानी
बाल – वृद्ध सब डरे – डरे हैं कुछ कहते नहीं जुबानी
विद्या मंदिर बंद हुए हैं अब कैसे सीख सिखानी
आकर खड़े तुम्हारे द्वार मैया लेकर आस अपार ।
पड़ी कोरोना की मार मैया…….
जड़ी बूटी और औषधि सारी मानो हुई पुरानी
दवा कोई न असर दिखाये फिरा है सभी पर पानी
सांस सांस को तरसाने की कोरोना ने ठानी
दिखे कोई उपाय न मैया पायें कैसे इससे पार
पड़ी कोरोना की मार मैया ……..
©डॉ. रीता सिंह, आया नगर, नई दिल्ली, अस्सिटेंड प्रोफेसर चंदौसी यूपी