लेखक की कलम से

आज़ादी की वर्षगांठ …

 

मना रहे आज हम आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ, देखो लहरा रहा तिरंगा आज हर गली हर मकान और हर मचान।

वीरों ने दी है कुर्बानी, मांओं ने अपने-अपने कलेजे के टुकड़े को देश पर लुटाया है,

तभी जाकर देश में आज आज़ादी का परचम लहराया है। मेरा देश है वह, जहां प्रस्फुटित होती प्रेम की धारा है,

रहता हर जुबां पर ; जहां सर्वधर्म, समभाव, सद्भाव और जय हिंद का

जयघोष है।

निश्‍छल और पावन प्रेम से सराबोर है हर हृदय, वही प्यारा भारत देश हमारा है !

न सिर झुकाया था कभी

और न  ही झुकाएंगे , जिए थे अपने दम पर हमेशा और अपने दम पर ही हर मुकाम पाएंगे।

जब आज़ादी मिलेगी हर पिछड़ी सोच  और विचार से,

तभी कह सकते हैं, हमने सच में आज़ादी को पाया है। ‌जब बदलेगी मेरे देश की दशा और दिशा, तभी कहूॅंगी कि सही मायनों में हर कोई आज़ाद आबोहवा में सांस ले पाया है।

 

©डॉ नीलू शर्मा, अमृतसर, पंजाब                                    

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