लेखक की कलम से

फागुन …

 

फागुन का महीना आया

रंगोत्सव साथ है लाया

होली का त्यौहार हैं लाया

मन के भेद मिटाने आया।

 

गलती को भुलाने आया

हमको एक कराने आया

मिलकर रहे सिखाने आया

टोली में खेल खिलाने आया।

 

सबको रंग बिरंगा करने आया

दुश्मन को दोस्त बनाने आया

अबीर गुलाल उड़ाने आया

फागुन का महीना आया।

 

दिल का मैल धोने को आया

गलती पर माफी सिखाने आया

बस अच्छी बात सीखाने आया

फागुन का महीना आया।

 

मिलकर खेल सिखाने आया

मिलाने देखो सबको आया

होली त्योहार हमे मिलाने आया

बुरा न मानो बताने आया।

 

 

©डॉ मंजु सैनी, गाज़ियाबाद              

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