छत्तीसगढ़पेण्ड्रा-मरवाही

बिना स्कूल भवन के पढ़ रहे बच्चे, 3 सालों से जर्जर शाला भवन को डिसमेंटल करने के बाद नहीं की गई व्यवस्था ….

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही । जिला प्रशासन ने ग्राम ढिटोरा का स्कूल भवन जर्जर हो जाने के कारण उसे डिस्मेंटल कर दिया था। मरवाही उपचुनाव 2020 के दौरान स्कूल का प्लास्टर गिरने की घटना के बाद तहसीलदार के आदेश पर ये कार्रवाई का गई थी, लेकिन बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। तब से लेकर आज तक बच्चे बिना स्कूल भवन के ही बाहर में पढ़ाई कर रहे हैं। प्रशासन की उदासीनता के कारण 3 साल बाद भी प्राथमिक शाला ढिठोरा का भवन नहीं बनाया जा सका है और अब ये स्थिति बन गई है कि इस स्कूल के बच्चे कभी किसी दूसरे के कच्चे मकान की छत के नीचे, तो कभी मोहल्ले में, तो कभी सार्वजनिक गणेश पंडाल में पढ़ने को मजबूर हैं।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले के मरवाही में एक ऐसा स्कूल है, जिसके छात्र-छात्राएं पिछले 3 सालों से बिना भवन के ही पढ़ने को मजबूर हैं। बच्चे खुले आसमान और पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों और विभाग के उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया। मामला ग्राम पंचायत बरगवां के आश्रित ग्राम ढिटोरा का है।

बच्चों की पढ़ाई के लिए न तो स्कूल फिक्स है न ही कक्षा। सब कुछ मौसम की मेहरबानी पर निर्भर करता है। मौसम जैसा होता है, उसी आधार पर कक्षा भी लगती है। बच्चों का ये ओपन स्कूल जिले के अधिकारियों और सरकारी दावों को मुंह चिढ़ाती हुई नजर आती है। पुराना भवन तोड़ने में तो जल्दबाजी की गई, लेकिन नए भवन के लिए कोई कोशिश नहीं की जा रही है। जिले में तापमान 6 डिग्री तक पहुंच गया है। 9 जनवरी से स्कूल खुल जाएंगे, लेकिन फिर भी ठंड के मौसम में बच्चे खुले आसमान के नीचे ही पढ़ाई करने को मजबूर होंगे। इसके बाद चिलचिलाती धूप और गर्मी का मौसम भी आएगा, लेकिन बच्चों के लिए हालात तब भी नहीं बदलेंगे।

मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में ग्रामीणों ने इस स्कूल की समस्या को बताकर मांग पत्र सौंपा था। इस स्कूल में पहली से पांचवीं तक के केवल 11 बच्चे ही पढ़ाई कर रहे हैं। इतनी समस्या के बावजूद बच्चों के अंदर शिक्षा पाने की ललक वाकई सराहनीय है कि वे परेशानियों के बावजूद पढ़ाई जारी रखे हुए हैं। इधर जिला शिक्षा अधिकारी एनके चंद्रा अब इसी स्कूल भवन को डीएमएफ मद से जल्द ही बनाए जाने का आश्वासन देते नजर आ रहे हैं।

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