मध्य प्रदेश

दोनों वंदे भारत एक्सप्रेस का होगा विस्तार, ग्वालियर-खजुराहो, इंदौर व नागपुर तक किया जा सकता है संचालन

भोपाल। वंदे भारत एक्सप्रेस भोपाल के रास्ते खजुराहो, ग्वालियर व नागपुर में से किसी एक शहर के बीच चल सकती है। इन शहरों के बीच नई वंदे भारत एक्सप्रेस नहीं चलाई जाएगी, बल्कि इंदौर से भोपाल के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को ही इन तीनों शहरों में से किसी एक शहर के बीच चलाया जाएगा।

वहीं जबलपुर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (आरकेएमपी) के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को इंदौर तक बढ़ाया जा सकता है। यह विस्तार अगस्त के अंत तक हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन दोनों ही वंदे भारत एक्सप्रेस को 27 जून को आरकेएमपी से हरी झंडी दिखाई थी। ये दोनों ही ट्रेनें जबलपुर व इंदौर से चलकर सुबह भोपाल व आरकेएमपी पहुंचती है और यहां पूरे दिन इनके रैक खड़े रहते हैं। इन ट्रेनों के विस्तार से रेल यात्रियों को फायदा होगा।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि फिलहाल वंदे भारत एक्सप्रेस सीमित रेल मार्गों पर चलाई जा रही हैं। रेलवे की मंशा है कि इस ट्रेन से ज्यादा से ज्यादा शहरों को जोड़ा जाए। इन ट्रेनों के लिए रैक के उत्पादन की गति तो बढ़ाई है लेकिन जितनी मांग है उस अनुरूप रैक बनाने में समय लगना स्वभाविक है। ऐसे में जो रैक वर्तमान में पटरी पर हैं उन्हीं का शत-प्रतिशत उपयोग कर ज्यादा से ज्यादा शहरों को तेज गति वाली ट्रेनों से जोड़ रहे हैं। ऐसे में भोपाल व आरकेएमपी में पूरे दिन खड़े रहने वाली दोनों वंदे भारत एक्सप्रेस के रैको का उपयोग करने की रणनीति बना रहे हैं।

इसलिए हो सकता है विस्तार

भोपाल-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस (20912) भोपाल से शाम 7.25 बजे चलकर रात 10.30 बजे इंदौर पहुंचती है। इंदौर-भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस (20911) इंदौर से सुबह 6.30 बजे चलकर सुबह 9.35 बजे भोपाल पहुंचती है। इस तरह यह रैक करीब 10 घंटे भोपाल में खड़ा रहता है। इस रैक को खजुराहो, ग्वालियर व नागपुर तक बढ़ाने में इसलिए दिक्कत नहीं है क्योंकि राजधानी, दुरंतो जैसी तेज गति वाली भोपाल से नागपुर पहुंचने में अधिकतम छह घंटे, वंदे भारत व राजधानी एक्सप्रेस ग्वालियर पहुंचने में अधिकतम चार घंटे और भोपाल- खजुराहो महामना एक्सप्रेस खजुराहो पहुंचने में अधिकतम 6.25 घंटे ले रही है। ऐसे में इंदौर से 3.06 घंटे में भोपाल पहुंचने वाली उक्त वंदे भारत एक्सप्रेस को आसानी से नागपुर, ग्वालियर व खजुराहो के बीच चलाया जा सकता है। वहीं रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस (20173) रानी कमलापति स्टेशन से शाम सात बजे चलकर रात 11.35 बजे जबलपुर पहुंचती है। जबकि जबलपुर-रानी कमलापति वंदे भारत एक्सप्रेस (20174) सुबह छह बजे जबलपुर से चलकर, सुबह 10.35 बजे रानी कमलापति स्टेशन पहुंचती है। इस तरह इस ट्रेन का रैक करीब आठ घंटे आरकेएमपी में खड़ा रहता है। ऐसे में इस रैक को इंदौर तक बढ़ाने में इसलिए दिक्कत नहीं है क्योंकि वर्तमान में जो वंदे भारत एक्सप्रेस इंदौर-भोपाल के बीच चल रही है वह 3.06 घंटे ले रही है। जबलपुर से यह ट्रेन भोपाल के रास्ते चलकर आठ घंटे में सभी स्टेशनों पर ठहराव को मिलाकर करीब दो बजे इंदौर पहुंच जाएगी। वहीं, यहां से एक घंटे के ठहराव के बाद दोपहर तीन बजे चली तो आठ घंटे में रात 11 बजे जबलपुर पहुंच सकती है। अभी इंदौर से नागपुर, भोपाल से नागपुर, जबलपुर से इंदौर, भोपाल से खजुराहो व ग्वालियर से इंदौर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी तेज गति वाली ट्रेनें नहीं है। जबकि इन शहरों के बीच व्यापारी, उद्योगपति, चिकित्सक, अधिवक्ता, अधिकारियों, पर्यटक व जनप्रतिनिधियों का हमेशा आना-जाना लगा हुआ है।

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