मध्य प्रदेश

जय सियाराम और जय सीताराम वाले राहुल गांधी के बयान पर भाजपा ने किया पलटवार

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- राहुल बाबा का ज्ञान ‘बाबा-बाबा ब्लैक शिप’ तक ही सीमित

भोपाल। मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का महज एक दिन और बचा है, उनकी यात्रा रविवार को राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी। लेकिन यात्रा के दौरान भाजपा और कांग्रेस में नेताओं के बयानों को लेकर जंग छिड़ी हुई है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कल शुक्रवार को राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा था कि भाजपा आरएसएस के लोग जय श्रीराम कहते हैं, कभी सीताराम और सियाराम क्यों नहीं कहते हैं। राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के रावण वाले बयान के बाद आया है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया था।

राहुल के इस बयान पर पलटवार करते हुए मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि राहुल जी ने कभी रामायण नहीं पढ़ी होगी, तो कैसे जानेंगे राम के नाम की शुरूआत ही ‘श्री’ से होती है। दरअसल, राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आगर मालवा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा और संघ पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा के लोग जय श्री राम कहते हैं, कभी सीताराम और सियाराम क्यों नहीं कहते हैं। उन्होंने जय सियाराम का मतलब भी बताया, उनका कहना था कि राम और सीता एक हैं, इसलिए नारा है जय सियाराम या जय सीताराम, उन्होंने ये भी कहा- जिस भावना से राम ने अपनी जिदंगी जी, भाजपा के लोग उस भावना से नहीं जीते हैं, राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया, राम ने जोड़ने का काम किया है, वो सियाराम, जय सियाराम तो कर ही नहीं सकते, क्योंकि उनके संगठन में एक महिला नहीं है।

रामायण पढ़ेंगे नहीं, गीता के पन्ने उन्होंने पलटे नहीं होंगे

राहुल गांधी के इस तंज पर पलटवार करते हुए मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल बाबा का ज्ञान ‘बाबा-बाबा ब्लैक शिप’ तक ही सीमित है। अरे भई, राम की शुरुआत ‘श्री’ से ही होती है, ‘श्री’ जो है विष्णु भगवान की पत्नी लक्ष्मी और सीताजी के लिए प्रयोग होता है, जरा खोलकर तो देख लें वो इतिहास, हालांकि वो रामायण पढ़ेंगे नहीं, गीता के पन्ने उन्होंने पलटे नहीं होंगे, तो नेट पर देख लें, उसमें ‘श्री’ का उल्लेख है, श्री राम जी कृष्ण और विष्णुजी के अवतार हैं, ‘श्री’ लक्ष्मीजी के नाम के आगे लगता है और इन्हीं नामों के आगे ‘श्री’ इसीलिए लगाया जाता है, मुझे लगता है ये वाली बात जो आपने कल बोली है, आपको उन्हीं पंडित ने ये बताया होगा, जिन्होंने मंदिर का केक बनवा के माननीय कमलनाथजी से कटवाया था।

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