मध्य प्रदेश

भोपाल की सौम्‍या तिवारी ने भारत को दिलाया विश्‍वकप, सौम्‍या ने खेला विजयी शाट

सौम्‍या तिवारी ने इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में किया अंकित

भोपाल। राजधानी भोपाल की बेटी सौम्‍या तिवारी ने आज इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित करा लिया। सौम्‍या ने अंडर 19 विश्‍वकप के फाइनल में विजयी रन बनाकर भारत को खिताब दिलाया।  भारत ने तीन विकेट खोकर 69 रन बनाकर सात विकेट से यह मुकाबला जीत लिया। इसमें सौम्‍या तिवारी ने नाबाद 24 रनों की पारी खेली। सौम्या क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली की फैन हैं और उन्होंने उन्हीं के अंदाज में टीम को चैंपियन बनाया। लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने फाइनल मैच में 37 गेंदों पर नाबाद 24 रन बनाए। इसमें उसके तीन चौके शामिल थे। इंग्‍लैंड की टीम पहले बल्‍लेबाजी करते हुए सिर्फ 68 रन ही बना सकी थी।

विश्वकप जीतने के बाद ट्रॉफी के साथ मैदान पर जश्न मनाती भारत की बेटियां।

जब सौम्‍या ने विजयी रन बनाया तो उसके माता-पिता ने टीवी पर फूलों की वर्षा कर अपनी बेटी का विजयी तिलक किया। सौम्‍या के पिता मनीष तिवारी ने बताया कि हमारे परिवार ने पूरे समय तक सांसें रोककर सौम्‍या का कारनामा देखा। उन्होंने कहा कि हमारी बेटी ने हमारे साथ ही प्रदेश और देश का नाम रोशन कर दिया है। सौम्‍या के रचना नगर स्थित घर में जीत का जोरदार जश्‍न परिवार के लोगों ने मनाया, माता-पिता और बहन ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई, टीवी की आरती उतारी गई। जैसे ही जीत की खबर सुनी परिवार और अन्‍य जानने वालों के फोन का तांता लग गया। पिता मनीष तिवारी ने बताया कि जब बेटी खेलने गई थी, तब ही जीत का वादा किया था।

भोपाल के अजितेज अर्गल भी जिता चुके हैं देश को विश्वकप

सौम्‍या तिवारी भोपाल की पहली महिला खिलाड़ी है, जो अंडर 19 विश्‍वकप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। मोहनीश ने वर्ष 2000, अजितेज अर्गल ने 2008 व राहुल बाथम ने 2016 में भारत का प्रतिनिधित्‍व किया है। अजितेज अर्गल 2008 में विराट कोहली की कप्‍तानी में विश्‍वकप जीतने वाली टीम का हिस्‍सा था। अजितेज मैन आफ द फाइनल बने थे और भारत ने खिताब जीता था। 2016 में भी भारत फाइनल में पहुंचा था, तब भोपाल के राहुल बाथम ने 21 रन बनाए, लेकिन कोई विकेट नहीं मिला था। इस फाइनल में इंदौर के आवेश खान भी थे, भारत को वेस्‍टइंडीज के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। सौम्‍या भोपाल और मप्र की पहली महिला खिलाड़ी है, जिसने अंडर 19 वर्ल्‍ड कप जीता है।

विश्वकप जीतने के बाद मैदान पर जमकर जश्न मनाया भारत की बेटियों ने।

विराट कोहली की फैन हैं सौम्या तिवारी
सौम्या तिवारी विराट कोहली की बहुत बड़ी फैन हैं। वह भारत के पूर्व कप्तान की इतनी प्रशंसा करती हैं कि उनके टीम की साथी अक्सर उन्हें ‘अपनी विराट’ कहते हैं। सौम्या के साथी भले ही उन्हें मजाक में विराट कहते हों, लेकिन सौम्या को यह सुनकर बहुत अच्छा लगता है। वह कोहली की तरह 18 नंबर की जर्सी पहनती हैं और उन्हीं की तरह बल्लेबाजी करने की कोशिश करती हैं। उन्होंने अपने कमरे में विराट कोहली की कई तस्वीरों को भी लगा रखा है। भोपाल की इस युवा क्रिकेटर का कहना है कि वह दबाव भरे हालातों में विराट की पारियां याद करती हैं और सोचती हैं कि विराट इस स्थिति में कैसे खेलते। इसी सोच के साथ खेलते हुए वह घरेलू क्रिकेट में कई बार लक्ष्य का पीछा करते हुए कमाल कर चुकी हैं। वह विराट कोहली की सबसे बड़ी प्रशंसक है, लेकिन उनसे अभी तक उनकी मुलाकात नहीं हुई है। विश्‍वकप जीतने के बाद उनका यह सपना जल्‍दी साकार होगा।

सौम्या ने जैसे ही विजयी शॉट लगाया, माता-पिता-बहन और अन्य सदस्य तालियां बजाकर खुशी से झूम उठे।

2016 में की शुरुआत
सौम्या ने 2016 में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। हालांकि, तब उन्होंने इस खेल में अपना करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था। उनके घरवाले बताते हैं कि बचपन से ही क्रिकेट के प्रति उनमें बहुत रुचि थी। वे अपने बचपन में वह प्लास्टिक के बल्ले और कपड़े धोने वाली मोगरी से क्रिकेट खेलती थीं। उनकी रुचि को देखकर उनके पिता और बड़ी बहन ने क्रिकेट सीखने के लिए उन्हें अकादमी में भर्ती कराया। गर्मियों की छुट्टियों के दौरान उनकी बड़ी बहन साक्षी उन्हें एक प्रसिद्ध स्थानीय कोच सुरेश चेनानी के पास ले गईं। लेकिन उस समय, चेनानी की अकादमी में महिला क्रिकेटरों के लिए सुविधाएं नहीं थीं। इस वजह से सौम्या को कई बार कोच चेनानी से मिलना पड़ा। इसके बाद चेनानी को लगा कि सौम्या के अंदर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की क्षमता है।

अपनी उम्र से बड़े लड़के और लड़कियों के साथ प्रेक्टिस करती थी सौम्या

11 साल की सौम्या को कोच ने 14 साल के लड़कों के साथ अभ्यास करने का मौका दिया और सौम्या राजी हो गईं। उस दौरान वे अपनी उम्र से बड़ी लड़कियों और लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती थीं। तीन साल तक लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने के बाद राज्य के चयनकर्ताओं की नजर उन पर पड़ी और 13 साल की उम्र में सौम्या को मध्यप्रदेश की अंडर -23 टीम में जगह मिल गई।

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