मध्य प्रदेश

चीता आने से पहले कूनो पालपुर पार्क में शिकार, कैमरे चोरी, कर्मचारियों का टोटा, कैसे होगी सुरक्षा …

भोपाल। भारत में 75 साल बाद चीता युग की शुरूआत हो रही है। अफ्रीकी देश नामीबिया से 16 सितंबर को आठ चीते लाए जा रहे हैं। जाहिर सी बात है चीतों की सुरक्षा को लेकर सरकार काफी गंभीर है, पर यह गंभीरता ग्राउंड जीरो पर नहीं दिखाई दे रही है। पिछले एक माह में कूनो पालपुर नेशनल पार्क में जो कुछ हुआ, उससे चीतों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

पार्क में मैदानी कर्मचारियों का टोटा सुरक्षा प्रबंधन पर बड़ा सवाल है। वनमंडल और उप वनमंडल अधिकारी सहित पार्क में 226 पद स्वीकृत है। इसमें से 161 अधिकारी-कर्मचारी अभी कार्यरत हैं। जबकि 65 पद खाली हैं। इनमें डिप्टी रेंजर, वनपाल और वनरक्षक शामिल हैं। यही कर्मचारी मैदानी स्तर पर सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं। मैदानी अमले की कमी के चलते अगस्त में चीतों के बाड़े के नजदीक तेंदुए का शिकार हो गया। आठ दिन पहले पार्क से ट्रैप कैमरे चोरी हो गए। जिसकी एफआइआर कराई गई है। चीता परियोजना को लेकर देश-विदेश में चर्चा का विषय है। इस स्थिति में छोटी सी चूक मध्य प्रदेश को शर्मशार कर सकती है।

पार्क में पर्याप्त कर्मचारी न होने के कारण आए दिन घटनाएं हो रही हैं, जो इस बात का भी द्योतक है कि पार्क में असामाजिक तत्वों की आवाजाही है। चीता की तैयारियों में जुटे जिम्मेदार अधिकारियों को अब तक यह समझ नहीं आया है कि चीता आने से पहले पार्क की सुरक्षा व्यवस्था भी चाकचौबंद करनी जरूरी है। वैसे 20 भूतपूर्व सैनिकों को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है पर वे सिर्फ पार्क की सीमा पर निगरानी कर रहे हैं। जानकार बताते हैं कि पार्क में आंतरिक सुरक्षा के लिए स्वीकृत पदों से ज्यादा मैदानी अमले की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि चीता आने के बाद पर्यटन भी बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि डीएफओ, एसडीओ एवं रेंजर के सभी पद भरे हुए हैं। जबकि डिप्टी रेंजर के 12 में से 7, वनपाल के 45 में से 29 और वनरक्षक के 158 में से 29 पद खाली हैं।

कर्मचारी भी जाने को तैयार नहीं

पार्क में तेंदुए के शिकार की घटना को देखते हुए हाल ही में ग्वालियर संभाग के जिलों से 15 वन कर्मचारियों की कूनो पालपुर पदस्थापना की गई है, पर अधिकारियों की कर्मचारी सुन ही नहीं रहे हैं। बार-बार कहने के बाद भी 9 कर्मचारियों ने ही कार्यभार संभाला है। दूसरी ओर, प्रदेश के वन बल प्रमुख आरके गुप्ता का इस संबंध में कहना है कि ग्वालियर संभाग से और कर्मचारियों को पार्क भेज रहे हैं। वहीं जिन कर्मचारियों को पहले भेजा गया है। उनमें से जिन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई भी कर रहे हैं। पार्क की सुरक्षा व्यवस्था में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

Back to top button