मध्य प्रदेश

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में बढ़ी पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और भूत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भूमिका ….

भोपाल। राजस्थान के पॉलिटिकल ड्रामे के बाद बदली परिस्थितियों में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की भूमिका बढ़ गई है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कमलनाथ को दिल्ली बुलाकर राजस्थान में पार्टी की दुविधा और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत के विकल्प पर सोमवार को विचार-विमर्श किया। वहीं, भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से भी परामर्श किया। पार्टी नेताओं का मानना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में प्रदेश के इन दोनों नेताओं की भूमिका अहम हो गई है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ को गांधी परिवार के विश्वस्त लोगों में माना जाता है। बताया जाता है मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल के निधन के बाद सोनिया गांधी उनसे हर छोटे-बड़े मामले में सलाह लेती हैं। जब पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं ने नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे, तब भी उन्होंने कमलनाथ को ही जी-23 के नेताओं से बात करने की जिम्मेदारी दी थी। इसमें वे काफी हद तक सफल भी रहे।

इसी तरह महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार पर आए संकट के समय भी कमलनाथ को भेजा गया था। उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार से लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक से चर्चा की थी। कमलनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से समन्वय का काम भी देखा था। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर भी चर्चा हुई थी, पर उन्होंने यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि वे मध्य प्रदेश नहीं छोड़ेंगे। कमलनाथ के नजदीकी लोगों का कहना है कि राजस्थान के घटनाक्रम के बाद अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना नहीं है।

नई परिस्थिति में एक बार फिर उनसे अध्यक्ष बनने को लेकर बात की गई, पर उन्होंने फिर यही कहा कि सोनिया गांधी जो भी जिम्मेदारी देंगी, उसे वे निभाएंगे, पर मध्य प्रदेश नहीं छोड़ेंगे। दरअसल, वे मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। यदि राज्य में पार्टी नेतृत्व बदलता है तो इसका असर चुनाव की संभावनाओं पर पड़ सकता है। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व भी उन पर दबाव नहीं बना रहा है, पर उनसे अध्यक्ष चुनाव को लेकर सभी पक्षों से संवाद करने के लिए कहा गया है।

वहीं, कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को भी वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। राहुल गांधी के साथ समन्वय बनाने में भी दिग्विजय सिंह मदद करेंगे। उनके राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अच्छे संबंध हैं। जब उनकी नर्मदा परिक्रमा का नरसिंहपुर जिले में समापन कार्यक्रम हुआ था, तब गहलोत उसमें शामिल हुए थे। हालांकि, दिग्विजय सिंह पूरा ध्यान राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर लगा रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने इस संबंध में कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति के न केवल ध्रु्व हैं, बल्कि नीति निर्धारण में सीधे हस्तक्षेप करने वाले हैं। हर अच्छे-बुरे मौके पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इनसे सलाह-मशविरा करता है।

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