मध्य प्रदेश

वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन ही बाघ की मौत से हड़कंप, मौके पर पहुंचे अधिकारी ….

भोपाल। मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर में वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन ही एक बाघ की मौत हो गई। सिवनी जिले में टाइगर रिजर्व के बादलपार के पास रिजर्व से लगे बफर जोन के कोर एरिया में बीच पेंच नदी में शनिवार सुबह एक बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया। दरअसल, घटना आज शनिवार सुबह की बताई जा रही है। ऐसे में पहले ही दिन पेंच नेशनल पार्क में बाघ की संदेहास्पद मौत ने वन विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार टाइगर रिजर्व से लगे बफर जोन के कोर एरिया बादलपार और कोना पिंडरई के बीच पेंच नदी में कुछ मछुआरों ने बाघ का शव नदी में उतराते हुए देखा। बाघ के पंजे कटे हुए थे। उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलने के बाद वन महकमा मौके पर पहुंचा और मामले की जांच शुरू कर दी है। नदी में जिस बाघ का शव मिला है, उसकी उम्र 2 से 3 वर्ष का बताई जा रही थी। इस नर बाघ की मौत किस कारणों से हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा। समाचार लिखे जाने तक वन विभाग के चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा टीम के साथ मौके पर पहुँचकर पोस्टमार्टम की तैयारी कर रहे हैं। मौके पर डाग स्क्वायड भी मौजूद है।

शव देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ की मौत सामान्य नहीं है, क्योंकि बाघ के शरीर पर किसी तरह के कोई निशान नहीं हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बाघ की मौत करंट लगने से हो सकती है, क्योंकि आसपास के क्षेत्रों में कुछ मछुआरे लगातार नदी में करंट फैलाकर मछली पकड़ते हैं। जबकि कुछ किसानों ने भी अपने खेतों को वन्य प्राणियों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बागड़ में बिजली के तार लगा रखे हैं। वन अधिकारियों के मुताबिक बहरहाल हर एंगल से इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल, वन विभाग की टीमें डॉग स्क्वायड द्वारा लगातार आसपास के क्षेत्र की सर्चिंग में जुटी हुई हैं।

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