मध्य प्रदेश

महाकाल लोक के निर्माण की खुली पोल, पहली बारिश में सप्तऋषि की मूर्तियां गिरीं, एक मूर्ति की गर्दन और दो के हाथ टूटे

महाकाल लोक में खर्च हो चुके है 1000 करोड़, पीएम ने किया था उद्घाटन

उज्जैन। मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश का कहर जारी है। चिलचिलाती गर्मी के बीच 28 मई, रविवार को प्रदेश के कई जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि हुई। उज्जैन में रविवार दोपहर झमाझम बारिश हुई। बारिश के साथ तेज आंधी और ओलावृष्टि भी हुई। आंधी के कारण महाकाल लोक की कुछ मूर्तियां गिर गई। घटना शाम करीब 4 बजे की बताई जा रही है। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक सप्तऋषि की मूर्तियां गिरी हैं। इनमें से एक मूर्ति की गर्दन टूट गई, जबकि दो मूर्तियों के हाथ टूट गए। साथ ही कुछ मूर्तियों के माथे पर क्रेक भी आया है। बता दें कि महाकाल लोक में अब तक 1000 करोड़ रुपए खर्च हो चुके है। इसका उद्घाटन 11 अक्टूबर 2022 को पीएम मोदी ने किया था।

मूर्तियों को पत्थर की मूर्तियों में परिवर्तित किया जाएगा

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि बारिश की वजह से पूरे शहर में नुकसान हुआ है। महाकाल लोक में कुछ मूर्तियां गिर गई। सभी मूर्तियां एफआरपी की थी, जिन्हें सुंदरता के दृष्टिगत सीमेंटेड नहीं किया गया था। जल्द ही मूर्तियों को पत्थर की मूर्तियों में परिवर्तित किया जाएगा। इन मूर्तियों के 5 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कंपनी की है।

कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन

महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने की जानकारी लगते ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया और अन्य पदाधिकारी तुरंत महाकाल लोग पहुंचे, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि इन मूर्तियों के निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। कांग्रेसियों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन भी किया।

दूसरे चरण में हुआ था 778 करोड़ का काम

यहां भगवान शिव समेत अन्य देवी-देवताओं की 190 से अधिक विशाल मूर्तियां लगाई गई हैं। महाकाल लोक परियोजना के पहले चरण पर 310 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इसके बाद 778 करोड़ की लागत से दूसरे चरण का काम शुरू हुआ था। इसके तहत महाकाल परिसर का विस्तार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव

मध्यप्रदेश में एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो गया है। नया सिस्टम भोपाल, ग्वालियर समेत प्रदेश के कई जिलों को भिगोएगा। तेज हवा भी चलेगी। सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़ और निवाड़ी में ओले गिर सकते हैं। प्रदेश के कई जिलों में हवा-आंधी की स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है।

Back to top button