मध्य प्रदेश

राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए एआइ तकनीक से लैस सीसीटीवी लगाने की तैयारी, पहचान लेंगे अपराधी का चेहरा

भोपाल
राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक से लैस कैमरे लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मानीटरिंग सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा। इस सिस्टम में एआइ का उपयोग किया जा जाएगा। यह फेस रिकग्निशन तकनीकी के माध्यम से पुलिस डाटा बेस में दर्ज अपराधियों के चेहरे काे स्कैन कर पहचान लेंगे। इससे न केवल कंट्रोल में अलर्ट जाएगा बल्कि उसका पूरा आपराधिक रिकार्ड भी तत्काल सामने आ जाएगा।

पहले इन कैमरों को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले बाजारों में लगाया जाएगा। इस प्रणाली को स्थापित करने को लेकर एक प्रस्ताव पुलिस कमिश्नरेट में तैयार किया जा रहा है। एक बार प्रयोग शुरु होने के बाद अन्य जगहों पर भी इस तकनीक का उपयोग किया जाएगा। अधिकारियाें का कहना है कि इस नवाचार के परिणाम सकारात्मक आते हैं तो इसे नेफिस (नेशनल आटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) के साथ भी जोड़ने पर विचार किया जाएगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ ) तकनीक से लैस कैमरों के रिकार्ड रखने और प्रोसेस के लिए एक सर्वर भी तैयार किया जा जाएगा। इस तकनीकी से बदमाश के घटना के बाद उसकी पहचान करने में आसानी होगी। उसके अलावा उसका पूरा आपराधिक रिकार्ड भी तत्काल सामने आ जाएगा। यह तकनीक लंबे समय से फरार अपराधियों से लेकर पुलिस से बचकर भागने वाले अपराधियों की पहचान के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। ज्ञात है कि राजधानी में अभी 153 स्थानों पर 781 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं। इसमें पीटीजेड, एएनपीआर और फिक्स कैमरे शामिल हैं। इसके अलावा आइटीएमएस के कैमरे भी काम कर रहे हैं।ये कैमरे अभी शहर के वाहनों की नंबर प्लेट पढ़ते हैं। हालांकि अभी इन कैमरों का उपयोग पुलिस किसी आपराधिक वारदात के बाद बदमाशों की तलाश करने के लिए भी करती है।

बदमाशों की पहचान करना होगा आसान
दिल्ली से एक टीम बुलाकर एआइ तकनीक का प्रशिक्षण पुलिस को देने की तैयारी हो रही है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र का कहना है कि आने वाले समय में इसी तकनीक के कैमरे लगाए जाएगे।उससे पुलिस को लाभ होगा।

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