मध्य प्रदेश

देश की सुरक्षा में सेना के साथ मजबूती से खड़ी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की सुरक्षा में सेंध, जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी ही चुरा रहे थे बमों के उपकरण, भेजा जेल …

जबलपुर. देश की सुरक्षा में सेना के साथ मजबूती से खड़ी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की सुरक्षा में उसी के पहरेदारों ने सेंध लगा दी. जबलपुर शहर के खमरिया क्षेत्र स्थित आयुध निर्माणी में बमों के उपकरण चोरी का बड़ा खुलासा हुआ है. फैक्ट्री के ही तीन कर्मचारियो की मिलीभगत से इस पूरे कांड को अंजाम दिया गया था. पुलिस ने तीनों कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर मुख्य आरोपी को जेल भेज दिया है.

चोरी की इस घटना का फैक्ट्री प्रबंधन को इसी महीने 17 सितंबर को पता चला था. दरअसल, मैंगो बम में इस्तेमाल होने वाली टंगस्टन रॉड फैक्ट्री से चोरी हो गयी थीं. मैंगो बम टैंक भेदी बम के तौर पर काम आते हैं. जब पड़ताल और तलाशी ली गयी तो इस मामले में फैक्ट्री प्रबंधन ने एफ 3 सेक्शन में तैनात संतोष सिंह के पास से टंगस्टन और स्टील की रॉड बरामद की थीं. प्रबंधन ने उसके बाद फौरन खमरिया थाने में मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराने के बाद आरोपी संतोष सिंह को जेल भेज दिया.

मामला गंभीर और बड़ा होने के साथ ही ये सीधे-सीधे देश की सुरक्षा में सेंध थी. प्रबंधन को शक यही था कि चोरी के इस बड़े मामले में कुछ और कर्मचारी शामिल हो सकते हैं. इसलिए फैक्ट्री प्रबंधन ने व्यापक स्तर पर जांच औऱ तलाशी ली. इस विभागीय जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पूरे मामले में तीन कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आयी है. पता चला कि चोरी में दरबान नरेश कुमार और एक कर्मचारी कमलकांत भी शामिल था.

ऐसे की जा रही थी चोरी

बताया जाता है लाखों रुपये कीमत के ये उपकरण तीनों कर्मचारी बड़ी होशियारी से फैक्ट्री के बाहर ले जाते थे. एफ 3 सेक्शन में तैनात संतोष सिंह टंगस्टन की रॉड अंदर से चुराकर बाहर लाता था. गेट पर दरबान नरेश कुमार तैनात रहता था वो उस टंगस्टन रॉड को आसानी से फैक्ट्री के बाहर ले जाने में मदद करता था. एफ 3 सेक्शन से लेकर फैक्ट्री के बाहर लाने तक कमलकांत आरोपियों का साथ देता था.

मामला उजागर होने के बाद फैक्ट्री प्रबंधन सकते में

देश की सुरक्षा में सेना के लिए अति महत्वपूर्ण हथियार बनाने वाली इस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में चोरी एक बेहद गंभीर मसला और सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है. सुरक्षा से जुड़े हुए इस बड़े और संवेदनशील मसले पर फैक्ट्री प्रबंधन भी सकते में है. टैंक भेदी बम के तौर पर मैंगो बम काम आते हैं. इतने महत्वपूर्ण बम की टंगस्टन रॉड चोरी होना कोई आम बात नहीं है. हो सकता है आरोपी इसे कबाड़ियों को बेच देते हों या ये भी हो सकता है कि ये देश के दुश्मनों के हाथों पहुंचाए जा रहे हों. फिर भी पूरे मामले की सूक्ष्मता के साथ जांच की जानी अनिवार्य है. फिलहाल, खमरिया थाने ने पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. जांच की जा रही है कि आखिर आरोपी इन उपकरणों को कब से चोरी कर रहे थे और इसे कहां ठिकाने लगाया जाता था.

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