मध्य प्रदेश

जहां माध्यमिक शालाएं नहीं वहां स्वीकृत कर दिए काम

भोपाल

लोकसभा चुनाव करीब है और सांसद तथा विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य तेजी से करवाने में जुटे हुए है। इस आपाधापी में सांसदों और विधायकों ने दो ऐसे कामों के लिए राशि स्वीकृत कर दी है जहां माध्यमिक शाला संचालित नहीं है। मुख्यमंत्री कार्यालय से सांसदों और विधायकों के द्वारा भेजे गए पंद्रह करोड़ तक की सीमा के मरम्मत, बाउंड्रीवाल, नवीन भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय निर्माण के कार्य स्वीकृत किए जा रहे है।

प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में सांसदों-विधायकों की अनुशंसा पर जिला स्तर पर उपलब्ध राशि अथवा जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि से इन कामों को करने की अनुमति दी जा रही है। राशि जिले में उपलब्ध नहीं होने पर राज्य की ओर से मांग पर उपलब्ध कराई जाएगी।  स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत सांसदों और विधायकों की अनुशंसा पर 9  शाला भवन जीर्णोद्धार,9 नवीन भवन तथा अतिरिक्त कक्ष, 1 शौचालय निर्माण, 2 बाउंड्रीवाल निर्माण, 7 पेवर ब्लॉक तथा किचन शेड के निर्माण कार्य कराने की अनुशंसा की गई है।  इन 28 कार्यो पर 253  लाख 92 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। विधायकों ने 27 कामों की स्वीकृति दी है जिसमें एक स्थान  पर माध्यमिक शाला ही संचालित नहीं है। वहीं सांसदों द्वारा प्रस्तावित छह कामों में से एक स्थान ऐसा भी है जहां माध्यमिक शाला संचालित नहीं है और प्रस्ताव दे दिया गया है।

 इन सांसद-विधायकों ने की अनुशंसा-
 शंकर लालवानी, ज्ञानेश्वर पाटिल, ढाल सिंह बिसेन, जनार्दन मिश्रा, विवेक शेजवलकर, महेन्द्र सिंह सोलंकी, प्रज्ञा सिंह, मनीषा सिंह, अर्चना चिटनीस, अनिल जैन, मंजू दादू, मोहन यादव, सीतासरन शर्मा, हरिशंकर खटीक,शिवराज सिंह चौहान, ओमप्रकाश सखलेचा, नीरज सिंह लोधी, अशोक रोहाणी, नीरज सिंह लोधी, सतीश बरकड़े, श्रीकांत चतुर्वेदी, बृजबिहारी पटेरिया और भगवानदास सबनानी।

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