मध्य प्रदेश

एमपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र : अविश्वास प्रस्ताव पर सियासी संग्राम, बीजेपी ने 9 साल पहले की याद दिलाई तो भड़के नेता प्रतिपक्ष

सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक: कमलनाथ बोले- मुख्यमंत्री के लिए विपक्ष की सीट गरम करके रखी, नरोत्तम मिश्रा ने किया पलटवार

भोपाल। सोमवार से शुरू हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पहले दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष हल्की नोकझोंक होती रही। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर रस्साकशी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सीएम के लिए विपक्ष की सीट गरम कर रखी है। इस पर पलटवार करते हुए संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- ये दिवा स्वप्न है।
ज्ञात हो, कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान कर चुकी है, वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को 9 साल पहले लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की याद दिला दी तो नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह भड़क गए। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्ष पूरी तरह से एकजुट है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 9 साल पहले विपक्ष के एक सदस्य के दल बदलने के कारण अविश्वास प्रस्ताव गिरा था। इस बार सदन में पूरी ताकत से सरकार को घेरने का प्लान तैयार है। गोविंद सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। मुद्दों को लेकर हम चर्चा चाहते हैं, लेकिन सरकार तोड़ने की राजनीति करती है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने अलग-अलग मुद्दों पर सदन में सरकार को घेरने के लिए विधायकों को जिम्मेदारी दी है।

बीजेपी सरकार हर मोर्चे पर विफल, सरकार जनता के बीच खो चुकी है विश्वास

प्रश्नकाल के बाद कमलनाथ ने कहा- हमने पिछले सालों में अच्छे संबंध बनाए हैं। मुख्यमंत्री जी इस सदन में नहीं हैं, आपके माध्यम से उनसे कहना चाहता हूं कि मैंने ये कुर्सी (विपक्ष की सीट) उनके लिए गरम करके रखी है। इस पर पलटवार करते हुए संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- ये दिवा स्वप्न है। इसके पहले कमलनाथ ने बताया कि विधायक दल की बैठक में तय हुआ है कि हम अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। उम्मीद है कि नियम अनुसार इसका पालन किया जाएगा और उसे स्वीकार किया जाएगा। हम हमेशा चाहते हैं विधानसभा चले और अवधि बढ़ाई जाए। सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के मुद्दे पर रविवार को पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी हुई। इसमें कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी की सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है। यह जनता के बीच विश्वास खो चुकी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2011-12 में भी कांग्रेस ने तत्कालीन शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी। हालांकि, उस वक्त भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी और 63 के मुकाबले 149 मतों से यह अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। उस वक्त कांग्रेस ने सरकार पर भ्रष्टाचार और अनियमिततताओं के आरोप लगाए थे। इसमें अवैध खनन, संघ समर्थित संस्थाओं को जमीन आवंटन, लोकायुक्त की नियुक्ति समेत कई गंभीर आरोप शामिल थे।
शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन की मुख्य बातें
– नेता प्रतिपक्ष ने कहा- अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह के समय में बने पुल नहीं टूटे लेकिन आपके समय में बने पुल क्यों टूट रहे हैं? इन पुलों के टेंडर तीन-चार बार हो चुके हैं। आप समय सीमा बता दें कि कब तक टेंडर हो जाएंगे। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा- मैं आज परीक्षण कराकर कल इसी सदन में जवाब दे दूंगा।
– नरोत्तम मिश्रा ने कहा- विपक्ष ने आरोप पत्र नहीं दिया। नेता प्रतिपक्ष को लेकर नरोत्तम ने कहा कि वे पढ़े-लिखे हैं, पढ़-लिखकर डॉक्टर बने हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा मैंने 13 दिसंबर को विधिवत अविश्वास की सूचना दी। आज 40-50 विधायकों के हस्ताक्षर कराकर सदन के पहले प्रस्तुत कर दिए हैं। संसदीय कार्य मंत्री पहले जानकारी ले लें।
– विस अध्यक्ष ने कहा अविश्वास प्रस्ताव का आरोप पत्र अभी 11:50 बजे प्राप्त हुआ है। केपी सिंह कक्का जू ने इस सत्र की बैठकों में अनुपस्थित रहने की सूचना दी है। इसके बाद नरोत्तम ने नेता प्रतिपक्ष से कहा- उम्र हावी हो रही है कोई टॉनिक लिया करो। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा-आप क्रीम लगाते हो, माल खाते हो, हम तो गांव के आदमी हैं।
– ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में स्कूलों में पेयजल और फर्नीचर की व्यवस्था न होने को लेकर विधायक प्रवीण पाठक और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बीच हल्की बहस हुई। ध्यानाकर्षण में सेंवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह ने सिंध नदी का पुल टूटने का मामला उठाया। इसी मामले में नेता प्रतिपक्ष ने भी पीडब्ल्यूडी मंत्री पर सवाल उठाए। इस पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ने जवाब देते हुए कहा- चंबल-ग्वालियर में आठ पुल टूटे थे। इनका ऑडिट भी करा लिया गया है। जल्द ही सभी पुल बन जाएंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पुलों के टेंडर होते हैं और बाद में कैंसिल कर देते हैं।
शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार
5 दिवसीय शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। सत्र के दौरान 5 सदन की 5 बैठकें होंगी। इस दौरान विधानसभा में कई अहम प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। विधानसभा सचिवालय को 4 विधेयक मिले हैं। वहीं, द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत होगा। सत्र के लिए विधायकों द्वारा 1632 प्रश्न पूछे गए हैं। इसमें 858 तारांकित और 774 अतारांकित प्रश्न हैं। इसमें से 700 के करीब प्रश्न ऑनलाइन भी पूछे गए हैं। इसके अलावा 211 ध्यानाकर्षण सूचना प्रस्ताव दिए गए हैं। 5 स्थगन प्रस्ताव, 16 अशासकीय संकल्प और 67 शून्यकाल की सूचनाएं सदन को मिली है। सत्र में ज्यादा सवाल होने के चलते सदन की कार्रवाई रात आठ बजे तक चलाने का फैसला हुआ है।
सदन की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही इन दिवंगतों को दी गई श्रद्धांजलि
फूलचंद वर्मा (भूतपूर्व विधानसभा सदस्य), मनोज सिंह मण्डावी (भूतपूर्व विधान सभा सदस्य), भगवत प्रसाद गुरु (भूतपूर्व विधानसभा सदस्य), मुलायम सिंह यादव (पूर्व केन्द्रीय मंत्री), आर. मुथैया (पूर्व केन्द्रीय मंत्री), माणिकराव होडल्या गावित (पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री), वेंकट कृष्णमराजु उप्पलपति (पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री) एवं वायके अलघ (पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री)।

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