लेखक की कलम से

क्या हुआ इस दुनिया में …

 

क्या हुआ इस दुनिया में ,

ना जाने किस गली में खो गई ,

ना तुम्हारा पता ना तेरी यादों का ,

एक सपना जो देखा था मैंने ,

 

कहां वो गुम हो गई ,

किसी की सांसे अटक गई ,

किसी की आवाजें चली गई ,

कोई दुनिया छोड़ गया ,

 

तो कोई दुनिया भूल गया ,

ना जाने क्या होगा इस दुनिया का ,

कोई रास्ते भटक गया ,

तो किसी की नजरें भटक गई ,

 

कोई मुझे भूल गया ,

तो कोई तुझे भूल गया ,

कब किसी की चीख सुनायी देगी ,

कब किसी का दर्द सुनायी पड़ेगा ,

 

ये कोई नही जानता है ,

कल क्या होगा ,

किसी की बारात निकलेगी ,

या किसी की मैय्यत निकलेगी ,

 

क्या विश्वास इस अजनबी ,

अनचाहा , अंधविश्वासी संसार का ,

आज बाते कर रहे है ,

कल मेरी लाशे गिनी जायेगी ,

 

क्या है इस नश्वर पिंजरे का ,

कोई नही जानता ?

 

©रुपेश कुमार, चैनपुर, सीवान, बिहार                          

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