मध्य प्रदेश

भोपाल में स्वास्थ्यकर्मियों का अनोखा प्रदर्शन: हथेलियों में मेहंदी से लिखी मांगें

हड़ताल के 8वें दिन गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान महिलाकर्मियों ने मेंहदी से नारे लिखवाए

भोपाल। राजधानी भोपाल में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने हड़ताल के 8वें दिन अनोखा प्रदर्शन किया। जेपी हॉस्पिटल कैम्पस में हड़ताली कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। वहीं महिला कर्मचारियों ने अपने हाथों में मेहंदी से ‘नियमित करो’ लिखकर प्रदर्शन किया। कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों को स्थायी कर स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन देने के साथ ही बिना कारण नौकरी से हटाए कर्मचारियों को वापस बहाल किया जाए।

‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ गाकर कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाया।

‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ गाकर बढ़ाया मनोबल

प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को हड़ताल के आठवें दिन कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की और महिला कर्मचारियों ने हथेलियों पर मेहंदी से मांग लिखकर अपना विरोध जताया। इसके बाद सोहनलाल द्विवेदी की कविता ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ गाकर सबका मनोबल बढ़ाया। कर्मचारियों का कहना था कि हमसे वोट मांगने के समय सरकार दुनियाभर के वादे करती है, लेकिन अब कोई हमारी सुध लेने वाला नहीं है। आज हमें हड़ताल करते हुए 8 दिन हो गए हैं, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है। मीटिंग होती है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

संविदा में 25 साल होने पर काटा केक

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ की प्रदेश अध्यक्षा मीना शुक्ला ने बताया कि हम अपना भविष्य सुधारने के लिए इस हड़ताल में बैठे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक हमें नियमितीकरण का आदेश नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन जारी रखेंगे। हम 20-25 साल से कर्मचारी संविदा पदों पर काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें नियमित नहीं किया गया है। हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों को संविदा में काम करते हुए 24- 25 साल हो गए हैं, हमने उनके लिए केक भी काटा है। महंगाई बढ़ती जा रही है, लेकिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की तरफ सरकार बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है।

संविदा कर्मियों के अलावा प्रदेश के मरीजों की भी चिंता नहीं है मुख्यमंत्री जी को

प्रदेश अध्यक्ष शुक्ला ने बताया- हमें मुख्यमंत्री जी से शिकायत है कि भले ही वो हम पर ध्यान नहीं दे रहे, लेकिन क्या उन्हें आम लोगों की भी चिंता नहीं है? यहां प्रदेश भर से एएनएम और तमाम स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। दूसरी तरफ अस्पतालों में आने वाले आम मरीज परेशान हो रहे हैं। स्थायी कर्मचारी तो हमारा काम करेंगे नहीं तो कौन लोगों को टीके लगा रहा है? कौन उन्हें दवाई दे रहा है?

Back to top button