मध्य प्रदेश

कोरोना अलर्ट: एमपी में पॉजिटिव मरीज का होगा जीनोम टेस्ट: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

सीएम ने विधानसभा में कहा- हमें सावधानी की जरूरत, ,  हर हफ्ते कोविड निगरानी समिति की होगी बैठक

भोपाल। गुरुवार को विधानसभा के शीतलकालीन सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चीन से फिर कोविड आ रहा है। हमें सावधान रहने की जरूरत है। नए वैरिएंट पर सरकार सतर्क है। मध्यप्रदेश में अब हर हफ्ते कोविड की निगरानी रखने के लिए बैठक होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर नए पॉजिटिव व्यक्ति के सैंपल का जीनोम टेस्ट कराया जाएगा।

दूसरी ओर स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों के मुताबिक चीन में कोविड का संक्रमण जिस वैरिएंट बीएफ-7 के कारण बढ़ा है, उसका एक भी केस अब तक मध्यप्रदेश में नहीं है। मप्र में इसके संक्रमण को बढ़ने से पहले नियंत्रित करने के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल्स की शत-प्रतिशत जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। जीनोम टेस्ट की रिपोर्ट आने तक कोविड संक्रमित मरीज को आइसोलेशन में रहना होगा, ताकि उससे दूसरे लोगों में संक्रमण न फैले। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर मप्र सरकार सतर्क है। सभी जिलों के सीएमएचओ को कोरोना पॉजिटिव मरीजों के जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं।

पॉजिटिव मरीजों के नमूनों का जीनोम टेस्ट भोपाल और ग्वालियर में होगा

गुरुवार को स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन और रीवा संभाग के कोरोना पॉजिटिव मरीज के सैंपल का जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट भोपाल के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) में तथा जबलपुर, सागर और रीवा संभाग के मरीजों के नमूनों का जीनोम टेस्ट रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ग्वालियर में किए जाने के निर्देश दिए हैं। अपने आदेश में उन्होंने कहा है कि नमूने भेजने की जिम्मेदारी सीएमएचओ की होगी।

कोविड के 71 सैंपल्स की रिपोर्ट आई निगेटिव

सोमवार को जांच के लिए भेजे गए अलग-अलग लैब से कोरोना के 71 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। स्वास्थ्य संचालनालय की कोविड बुलेटिन रिपोर्ट के अनुसार सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों के साथ विभिन्न अस्पतालों में पहुंचे 71 मरीजों को डॉक्टर्स ने कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी थी। वहीं, कोविड टेस्ट के लिए भेजे गए तीन सैंपल को अलग-अलग लैब के माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने रिजेक्ट कर दिया है। इसकी वजह सैंपल का मानक स्तर का नहीं होना बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक संबंधित सैंपल, टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ ने कोरोना गाइडलाइन के मानकों के अनुरूप लिए थे, लेकिन सैंपल कलेक्शन सेंटर से लैब के बीच ट्रांसपोर्टेशन के दौरान संबंधित सैंपल खराब हो गए। अब तीनों कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल दोबारा लेकर जांच की जाएगी।

नए वैरिएंट के संक्रमण से बचने रहें सतर्क

पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. लोकेंद्र दवे ने बताया कि कोविड के नए वैरिएंट के संक्रमण से बचने के लिए बुजुर्ग और बच्चे (12 साल से कम उम्र के) सतर्क रहना पड़ेगा। दोनों श्रेणी के लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने बताया कि बच्चों को अब तक कोरोना की कोई भी वैक्सीन नहीं लगी है। न ही इस उम्र में समूह के बच्चों का कोविड एक्सपोजर हुआ है। वहीं बुजुर्गों को कोविड वैक्सीन का बूस्टर डोज भी लग चुका है, लेकिन उनकी इम्यूनिटी युवाओं की तुलना में कमजोर है। इस कारण बच्चे और बुजुर्ग कोविड गाइडलाइन का पालन करें।

एनआरआई समिट में आ रहे विदेशियों को एक हफ्ते क्वारैंटाइन रखने की मांग

मप्र युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने सरकार से मांग की है कि 8 से 10 जनवरी तक इंदौर में होने वाली एनआरआई समिट में आने वाले विदेशी नागरिकों की कोविड जांच कराई जाए तथा उन्हें 8 से 10 दिन तक आवश्यक रूप से क्वारैंटाइन में रखा जाए। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही विदेशी नागरिकों को एनआरआई समिट में शामिल होने दिया जाए। डॉ. भूरिया ने बताया कि चीन और यूरोप के कई देशों में कोविड का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पिछली बार भारत में जो संक्रमण फैला था, वह विदेशों से आने वाले नागरिकों के कारण फैला था। इस कारण इंदौर और मध्यप्रदेश को कोरोना संक्रमण की चपेट में जाने से बचाने के लिए पुख्ता व्यवस्था करना चाहिए।

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