मध्य प्रदेश

तीन जिलों में डीआईजी से कप्तानी करवा रहा सिस्टम

भोपाल

प्रदेश में पिछले सात दिनों में हुए 22 पुलिस अफसरों के तबादलों के बाद अब यहां की सात डीआईजी रेंज खाली हो चुकी है। इन रेंज में डीआईजी पदस्थ नहीं किए गए हैं। वही तीन जिलों में डीआईजी रैंक के अफसरों से पुलिस अधीक्षक का काम पिछले 51 दिनों से करवाया जा रहा है। खासबात यह है कि खाली पड़ी डीआईजी रेंज में भोपाल और इंदौर शहर के एक-एक और अपराध की दृष्टि से संवेदनशील मानी जाने वाली रेंज रीवा और खरगौन में भी डीआईजी का पद खाली पड़ा हुआ है।

प्रदेश में अब पूर्व की तरह डीआईजी रेंक के अफसरों की कमी नहीं हैं। प्रदेश में इस वक्त डीआईजी रेंक के 40 अफसर हैं, जबकि डीआईजी रेंज की संख्या 19 हैं। इसके बाद भी प्रदेश की 19 डीआईजी रेंज में से 7 रेंज खाली हैं। यानि सिर्फ 12 डीआईजी रेंज में ही अफसरों को पदस्थ किया गया है। बाकी की रेंज में अतिरिक्त प्रभार से काम चलाया जा रहा है।

डीआईजी संभाल रहे पुलिस अधीक्षक का काम
प्रदेश में डीआईजी रेंज खाली हैं, लेकिन डीआईजी से एसपी का काम लिया जा रहा है। खंडवा एसपी बीरेंद्र सिंह, छतरपुर एसपी अमित सांघी, सिंगरौली एसपी मोहम्मद यूसुफ कुरैशी एक जनवरी को डीआईजी हो चुके हैं। वहीं एसएसपी रेडिया प्रशांत खरे भी डीआईजी हो चुके हैं, लेकिन इन सभी अफसरों से पुलिस अधीक्षक का ही काम लिया जा रहा है। वहीं इन चार अफसरों के साथ पदोन्नत हुए टीके विद्यार्थी जबलपुर के डीआईजी बनाए जा चुके हैं।

ये रेंज हैं खाली
इंदौर शहर में डीआईजी के दो पद हैं, इनमें से एक पद खाली हैं। वहीं भोपाल में भी डीआईजी के दो पद हैं, यहां पर भी यही स्थिति हैं, दो में से एक पद खाली है। इसी तरह इंदौर ग्रामीण डीआईजी का पद खाली है। इंदौर ग्रामीण डीआईजी इंदौर देहात के अलावा धार, झाबुआ जैसे जिलों की भी मॉनिटरिंग करते हैं। इसी तरह खरगौन, उज्जैन, रीवा और नर्मदापुरम डीआईजी रेंज में भी डीआईजी को पदस्थ नहीं किय गया है।

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