मध्य प्रदेश

दलित सरपंच को तिरंगा फहराने से रोका, लिया सख्त एक्शन पंचायत विभाग के कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी 

भोपाल 
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के गणतंत्र दिवस पर दलित सरपंच को तिरंगा फहराने से मना करने वाले पंचायत कर्मचारी पर सख्त एक्शन लिया गया है। अधिकारियों ने पंचायत विभाग के कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी है। मामला सामने आने के बाद कमेटी जांच कर रही थी।

जानकारी के अनुसार, कथित घटना शुक्रवार को जिले के ब्यावरा तहसील के तरेना ग्राम पंचायत की है, जिसके बाद कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि दलित होने के कारण सरपंच के साथ भेदभाव किया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) अक्षय तेमरवाल ने शनिवार रात को कहा कि तरेना ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक लखन सिंह सोंधिया ने गणतंत्र दिवस पर गांव के सरपंच की जगह किसी दूसरे व्यक्ति से झंडा फहरवाया। उन्होंने बताया कि सरपंच को उसके अधिकार से वंचित करने का मामला प्रकाश में आया है। तेमरवाल ने बताया कि रोजगार सहायक सोंधिया की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।

घटना के बाद सरपंच मान सिंह वर्मा ने आरोप लगाया था कि रोजगार सहायक लखन सिंह ने 26 जनवरी को उनके गांव में एक कार्यक्रम के दौरान किसी अन्य व्यक्ति से तिरंगा फहरवाया। उन्होंने दावा किया, ''ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मैं वर्मा हूं।'' इसके बाद सरपंच ने इसकी शिकायत ब्यावरा जनपद पंचायत के सीईओ ईश्वर वर्मा से की।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरपंच की जगह किसी ओर से झंडा फहरवाने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और कहा था कि क्या अनुसूचित जाति में पैदा होना अपराध है?'' सिंह ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''क्या सरपंच को पंचायत भवन में झंडा फहराने का अधिकार नहीं है? मुख्यमंत्री जी से मेरा अनुरोध है कि रोजगार सहायक लखन सिंह को तत्काल निलंबित किया जाये तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये।''
 

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