मध्य प्रदेश

एसपी अरविंद तिवारी की गुंडागर्दी, ऑडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने किया सस्पेंड, छात्रों ने सुरक्षा मांगी तो अरविंद तिवारी ने कहा- तुम्हारी औकात ही क्या है …

भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद झाबुआ जिले के एसपी अरविंद तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी ने रविवार रात मदद मांगने पर पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र से फोन पर गाली-गलौज की थी। सोमवार को इसी बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद सीएम ने वर्चुअल मीटिंग बुलाकर डीजीपी को झाबुआ एसपी को हटाने के निर्देश देते हुए जांच के आदेश दिए। इसके बाद डीजीपी ने एसपी को पहले भोपाल मुख्यालय अटैच किया, फिर जांच के बाद दोपहर में निलंबन कर दिया। अरविंद तिवारी सितंबर 2020 में राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवॉर्ड हुए थे।

सीएम बोले- ऐसे शब्दों को सहन नहीं कर सकता, तत्काल सस्पेंड किया जाए

सीएम ने कहा कि सुबह जानकारी मिली थी कि तत्कालीन झाबुआ एसपी से मेरे भांजो-बच्चों ने कुछ मदद मांगी थी। इस पर एसपी ने उन्हें अपशब्द कहे। इसके बाद मैंने उन्हें तत्काल हटाने के निर्देश देते हुए जांच के आदेश दिए। ऑडियो की जांच में झाबुआ एसपी की आवाज होने की पुष्टि हुई। बच्चों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल मैं किसी कीमत पर सहन नहीं कर सकता। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।

क्या है मामला…

झाबुआ के पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों के दो गुटों के बीच रविवार को विवाद हो गया था। अंतिम वर्ष के छात्र रात में मारपीट की शिकायत लेकर झाबुआ कोतवाली पहुंचे थे। छात्रों का कहना था कि उनके साथ आलीराजपुर जिले के रहने वाले छात्र आए दिन मारपीट करते रहते हैं। रविवार को भी उन्होंने नशे में हमारे साथ मारपीट की। अगर हम वापस हॉस्टल गए, तो वे फिर से मारपीट करेंगे। छात्रों ने हॉस्टल वापस जाने के लिए सुरक्षा की मांग की। पुलिस ने सुबह आने की बात कहते हुए उन्हें टाल दिया।

छात्रों ने एसपी से मांगी सुरक्षा तो मिली गालियां

छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनसे कहा- अभी आचार संहिता लगी है, सिक्योरिटी के नाम पर पहले 5 लाख जमा करो, फिर सुरक्षा मिलेगी। हमने उनसे कहा- दूसरे गुट वाले नशे में हैं, यदि हमें कुछ हो गया तो इसकी जवाबदारी किसकी होगी। इसलिए दो-तीन जवानों को हमारे साथ भेज दिया जाए। लेकिन, हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर हमने मदद के लिए एसपी अरविंद तिवारी को फोन किया। एसपी साहब ने फोन पर पीड़ा तो सुनी, लेकिन मदद की जगह गालियां देने लगे।

छात्रों के बीच वर्चस्व को लेकर है विवाद

रविवार रात 50 से ज्यादा छात्र शिकायत लेकर झाबुआ थाने पहुंचे थे। छात्रों की माने तो पॉलिटेक्निक कॉलेज और हॉस्टल में आलीराजपुर जिले के छात्र अपना एकाधिकार जमाना चाहते हैं। वे आए दिन छात्रों के साथ विवाद और मारपीट करते हैं। छात्रों को रैंगिग के लिए मजबूर करते हैं। झाबुआ कोतवाली पर जो छात्र शिकायत लेकर पहुंचे थे, उनमें धार, खरगोन, मंडला और बड़वानी जिले के छात्र हैं। उनका कहना है कि मारपीट करने वाले छात्रों की शिकायत करने पर कॉलेज के प्रोफेसर और प्राचार्य भी कोई कार्रवाई नहीं करते। छात्रों ने मांग की है कि उनके लिए अलग हॉस्टल की व्यवस्था की जाए, ताकि आए दिन होने वाले विवाद से बचा जा सके और उनकी पढ़ाई हो सके।

ऑडियो के अंश…

छात्र- गुड इवनिंग सर, गुड इवनिंग सर…

एसपी- हेलो… हूं…

छात्र- सर, हम पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र बोल रहे हैं। सर, हमारी मतलब, कॉलेज में मारामारी हो गई है तो हम यहां थाने पर आए हैं। तो सर यहां से कुछ…

एसपी- अरे दोनों को जूते देकर बंद कर देते हैं। तेरे को भी बंद कर देंगे। …गाली…

छात्र- क्या सर?

एसपी- पढ़ने आए हो कि झगड़ने आए हो… गाली…

छात्र- सर पढ़ने आए हैं, लेकिन वो गुंडागर्दी कर हैं। डंडे बगैरह, बेल्ट बगैरह लेकर मतलब एक जन को 20-25 जन मारने आए हैं सर।

एसपी- अभी तेरे को भी बंद कर देंगे, उनको भी बंद कर देंगे। पढ़ने आए हो या झगड़ने आए हो…। चिंता मत कर, अभी मैं बताता हूं।

छात्र- सर, हम पढ़ने आए हैं। अभी कॉलेज जाएंगे तो वो मारेंगे। इसलिए हम नाइट में सुरक्षा चाहते हैं सर…

एसपी- …गाली… वे…

छात्र- सर हम समथिंग हम 40 जन हैं। वो…

एसपी- हां, तो 40 को अरेस्ट कर लेंगे और क्या। तुम …गाली… कुत्तो… की औकात क्या है। (फोन कट जाता है।)

 

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