पेण्ड्रा-मरवाही

शुभम पेन्द्रों ने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जिले के लिए 3 नये हैंडपम्प खनन मशीन की मांग

मरवाही (अनुपम शुक्ला)। मरवाही युवक कांग्रेस अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य शुभम पेन्द्रों ने मरवाही क्षेत्र खासकर उत्तर मरवाही में पेयजल की गम्भीर समस्या को देखते हुए जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही के लिए हैंडपम्प खनन हेतु 3 नये खनन मशीन की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है।

ज्ञात हो कि गर्मी के दिनों में मरवाही सहित जिले के विभिन्न गांवों में पेयजल की गम्भीर समस्या उतपन्न हो जाती है। जिले में बहुत से गांवो में या तो पुराने हेण्डपम्प खराब हो चुके हैं या बिगड़े पड़े हैं और बहुत से ऐसे गांव भी हैं जहाँ हैंडपम्प खनन भी अति आवश्यक है। अविभाजित बिलासपुर जिले से संचालित होने वाले पीएचई विभाग के पास केवल 2 ही मशीन है जिससे वह इन दोनों जिलो में खनन कार्य करवाती है। इसी समस्या को देखते हुए जिला पंचायत सदस्य शुभम पेन्द्रों ने जिले के लिए अलग से 3 नये हैंडपम्प खनन मशीन की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है।

मरवाही क्षेत्र खासकर उत्तर मरवाही के तेन्दुमुडा, बगरार,झिरियाटोला, टिकठी, बरौर,उसाड़,बेलझिरिया, कटरा, आदि गांवों में गर्मी के दिनों में पेयजल की विकट समस्या उतपन्न हो जाती है। हर वर्ष यहां गर्मी के दिनों में आये दिन पानी की समस्याओं से लोगो को दो चार होना ही पडता है। बहुत से गांवो में जो हैंडपम्प हैं वो भी खराब हो चुके हैं और बहुत से गांवो में नये हैंडपम्प खनन अति आवश्यक है। जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में पीएचई विभाग के पास अभी तक हैंडपम्प खनन हेतु कोई मशीन नही है और यह विभाग अभी भी अविभाजित बिलासपुर जिले से ही संचालित होता है।

विडम्बना यह है कि अविभाजित बिलासपुर जिले में पीएचई विभाग के पास मात्र 2 ही मशीन है। जिसमे से 1 मशीन नलजलयोजना के लिये खनन कार्य करती है तो दूसरी मशीन ही हैंडपम्प खनन का कार्य करती है। इस प्रकार इतने बड़े पीएचई विभाग के पास बिलासपुर व गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला मिलाकर केवल 2 ही मशीन है। जिसे वह दोनों जिलो में प्राथमिकता के आधार पर ही पेयजल हेतु खनन कार्य करती है।

हालांकि यहां कुछ गांवो में नलजल योजना भी संचालित है पर यह केवल अधिक जनसख्या वाले बड़े बड़े पंचायतों तक सीमित है जो कि गिनती में है। आज भी छोटे छोटे पंचायतों में ग्रामीण पेयजल का मुख्य साधन हैंडपम्प ही है।ऐसे में कम से कम गर्मी के दिनों में इन गांवों में प्राथमिकता के आधार पर हैंडपम्प खनन आवश्यक है।

पीएचई विभाग के सीई मिश्राजी ने दिल्ली बुलेटिन से बात करते हुए कहा कि “अभी हमारे पास केवल 2 ही मशीन है। उसमे से एक नलजल योजना में चल रही है तो दूसरी ग्रामीण पेयजल के लिये हैंडपम्प खनन में। अभी ये मशीने बिलासपुर जिले में ही खनन कार्य कर रही हैं। अगले हप्ते तक इसे मरवाही क्षेत्र के लिए भेजा जाएगा।”

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