पेण्ड्रा-मरवाही

पेंड्रा-भाड़ी सहित आसपास के कई गांवों में गरज-चमक के साथ हुई तेज बारिश, बड़े पेड़ गिरा, छप्पर उड़े, आवागमन हुआ बाधित

पेंड्रा (अमित रजक)। एक द्रोणिका विदर्भ से दक्षिण तमिलनाडु तक 0.9 किमी ऊंचाई तक स्थित है। जिसके असर से पेंड्रा भाड़ी सहित कई गांवों के आसपास गांवों में तेज गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ीं। जिससे क्षेत्र में पड़ रही तेज गर्मी से लोगों को त्वरीत राहत मिली तो वहीं घरों के छप्पर उड़ गए। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ सड़क के दोनों ओर लगे विशाल पेड तेज हवा की चपेट में आने के कारण जड़ समेत उखड़ गए तो वहीं कुछ पेड़ों की डंगाल टूट गई। जिससे कुछ समय के लिए आवागमन बाधित हुआ। ज्ञात हो कि कुछ दिन पूर्व ही यहां ओलावृष्टि से मकानों के छप्पर आदि को भारी नुकसान पहुंचा था।

अभी-अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार पेंड्रा क्षेत्र में जोरदार बारिश के साथ भयंकर अंधी-तूफान चला है। जिससे पेंड्रा भाड़ी सहित कई गांवों के आसपास रोड किनारे स्थित पेड़ों के डंगाल आदि गिर गए हैं। ग्रामीणों के मकान व छप्पर आदि को भी भारी नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। ज्ञात हो कि कुछ दिन पूर्व ही यहाँ ओलावृष्टि से मकानों के छप्पर आदि को भारी नुकसान पहुंचा था।

मौसम के तेवर बुधवार शाम से फिर बदले हुए हैं। आसमान में बादलों की मौजूदगी से पूरे दिन कभी धूप, कभी छांव की स्थिति बनती रही और आधी रात तेज हवा और गरज-चमक के साथ बादल शुक्रवार को जमकर बरसे। कई स्थानों में सुबह भी बौछार पड़ी।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक द्रोणिका विदर्भ से दक्षिण तमिलनाडु तक 0.9 किमी ऊंचाई तक स्थित है। इसके असर से पेंड्रा भाड़ी सहित कई गांवों में हल्की वर्षा या गरज चमक के साथ छींटे पड़े। क्षेत्र में आया तूफान इतना जबरदस्त था कि कई बड़े पेड़ जड़ से उखड़ गए। वहीं खेत में खड़ी फसल जमीन पर लेट गई। एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने की बात भी कही जा रही है। वहीं बारिश होने से क्षेत्र के अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट भी आई है।

खेतों में फसल, किसानों में चिंता

इस बेमौसम बारिश और तेज हवा अंधड़ से खेतों में खड़ी या कटकर पड़ी फसल को भारी नुकसान की आशंका है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि तेज हवा-बारिश से धान की फसल खेतों में गिर जा रही है। इससे फसल कटाई में दिक्कत होती है और दानें झड़ जाते हैं। जो फसल कटाई के बाद खेतों में बीड़ा या करपा के रूप में पड़ी है, उसे भी बारिश से नुकसान हो रहा है।

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