मध्य प्रदेश

टीकमगढ़ जिले के शिवपुरी गांव का नाम हुआ कुंडेश्वर और अचर्रा गांव हुआ आचार्य धाम

होशंगाबाद, बाबई, हबीबगंज के बाद अब मध्यप्रदेश के दो और स्थानों का नाम बदला

भोपाल। मध्यप्रदेश में शहर, रेलवे स्टेशन के बाद गांवों के नाम बदलने का सिलसिला एक बार फिर देखने को मिल रहा है। अब टीकमगढ़ के दो गांवों के नाम बदल दिए गए। इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। अब यह आज से नए नाम से जाने जाएंगे। इससे पहले मध्यप्रदेश में नर्मदापुरम, माखननगर और रानी कमलापति रेलवे स्टेशन भी रखे जा चुके हैं। टीकमगढ़ जिले का शिवपुरी गांव और अचर्रा गांव का नाम बदल दिया गया है। अब शिवपुरी गांव का नाम कुंडेश्वर किया गया है। इसके साथ ही अचर्रा गांव का नाम आचार्य धाम कर दिया गया है।

श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है कुंडेश्वर धाम

स्वयं भू भगवान कुण्डेश्वर धाम तेरहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजे जाते हैं। स्वयं भू भगवान कुण्डेश्वर की द्वापर युग से पूजा की जा रही है। उस समय बाणासुर की पुत्री ऊषा ने यहां भगवान शिव की तपस्या की थी। वर्तमान में भी किवदंती है कि ऊषा आज भी भगवान शिव को जल अर्पित करने आती है। मगर उन्हें कोई देख नहीं पाता है। कुण्डेश्वर स्थित देवाधिदेव महादेव आज भी शाश्वत और सत्य हैं, इसका जीता-जागता प्रमाण स्वयं प्रतिवर्ष चावल के बराबर बढ़ने वाला शिवलिंग है।

एमपी में काफी समय से चल रही है नाम बदलने की राजनीति

एमपी में काफी समय से नाम बदलने पर राजनीति चल रही है। कई स्थानों पर नाम बदलने पर विरोध भी किए जा रहे हैं। हाल ही में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर गोंडरानी रानी कमलापति के नाम पर कर दिया गया। इसका नाम बदलने पर विवाद भी हुआ, अंततः नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन हो गया। इससे पहले राजधानी की पुरानी विधानसभा का नाम भी मिंटो हाल भी था। इसका नाम भी बदलकर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार कर दिया गया। इसके अलावा नाम बदलने की अन्य मांग भी चल रही है जिसमें भोपाल के इस्लाम नगर का नाम जगदीश नगर करने और भोपाल की ही ईदगाह हिल्स का नाम गुरुनानक टेकरी करने की मांग चल रही है। हालांकि इस पर फैसला नहीं हुआ है। इसके अलावा इंदौर का नाम देवी अहिल्याबाई के नाम पर रखने की भी मांग उठी, लेकिन, इस नाम को बदलने को गैर जरूरी ही माना गया। इसके अलावा हलाली डैम, लालघाटी और हलालपुर बस स्टैंड का नाम बदलने की मांग उठती रही है।

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