लेखक की कलम से

शहीद भगत सिंग …

 

सर पे बांध कफन,

पहने चोला तेरा मां

 

देख दशा तेराआंचल,

रोक न पाए दिल को,

 

थामे ध्वजा तीन रंगों का,

लड़ने को फिरंगी से,

 

न बिकने दूं मैं,

कसमें खाता हूं,

 

न झुकने दूं,

तेरा भाल मां,

 

बन इंकलाबी,

न डरा न झुका,

 

बोल वन्दे का,

चाहे जान चली जाए,

 

हंसते अर्पित प्राण किए,

नमन है भगत सिंग को,

 

एक सन्देश छोड़ गया,

एक संदेश छोड़ गया,

जय हिंद

©योगेश ध्रुव ‘भीम’, धमतरी

Back to top button