मध्य प्रदेश

बयानों की सियासत: सीएम और पूर्व सीएम के बीच वाकयुद्ध के बीच कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस हुई हमलावर

विजयवर्गीय के 'शूर्पणखा’ वाले बयान पर कांग्रेस बोली- भारत लोकतांत्रिक देश, सभी को अपने हिसाब से जीने का हक, बीजेपी तय नहीं करेगी कौन क्या पहनेगा, ये तालिबानी सोच

भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले सियासत गर्माने लगी है। प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा-कांग्रेस के नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप दौर चल रहा है, वहीं वार-पलटवार में तेजी आ गई है। कुल मिलाकर प्रदेश में इन दिनो नेताओं के बीच वाकयुद्ध छिड़ा हुआ है। दोनों ही पार्टी के दो प्रमुख नेता शिवराज और कमलनाथ आमने-सामने हैं। एक सीएम हैं, तो दूसरे सीएम पद के दावेदार, लिहाजा दोनों के बीच जुबानी जंग तेज हो चली है। इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा लड़कियों के पहनावे को लेकर दिए बयान पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। वहीं भाजपा बचाव में उतर गई है।

कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी देश में क्या अपना संविधान लागू करना चाहती है। भारत लोकतांत्रिक देश है। यहां सभी को अपने हिसाब से जीने का हक है, बीजेपी तय नहीं करेगी कौन क्या पहनेगा। ये बीजेपी की तालिबानी सोच है। दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदाैर में हनुमान जयंती पर जैन समाज के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने लड़कियों के पहनावे को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कम कपड़े पहनने और नशा कर सड़क पर घूमने वाली लड़कियों  को शूर्पणखा बताया था। विजयवर्गीय ने कहा कि लड़कियां इतने गंदे कपड़े पहनकर निकलती हैं। महिलाओं को हम देवियां कहते हैं, लेकिन उनमें देवी का स्वरूप ही नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि हनुमान जयंती पर झूठ नहीं बोलूंगा। आजकल जब रात को निकलता हूं तो नौजवानों को नशे में देखता हूं तो ऐसा लगता है उतर के चार-पांच धर दूं। भगवान कसम हनुमान जयंती पर झूठ नहीं बोल रहा हूं। बच्चों को अच्छे पकड़े पहनने चाहिए।

शूर्पणखा से तुलना करने पर भड़की कांग्रेस

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- मध्य प्रदेश जैसे देश के हृदय प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं का अपमान और उत्पीड़न करने की कसम खा ली है। भाजपा के एक नेता ने कल हमारी बेटियों के वस्त्रों के बारे में अत्यंत शर्मनाक टिप्पणी की और उन्हें शूर्पणखा कहा। जबलपुर में शराब की दुकान का विरोध कर रही बहनों के ऊपर शिवराज सरकार ने पुलिस से बर्बरतापूर्वक दमन कराया। उनके बाल पकड़कर घसीटा गया। कटनी में एक महिला का निधन होने के बाद उसका शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली और परिजनों को मृतका के गहने बेचकर एंबुलेंस की व्यवस्था करनी पड़ी। मुरैना में मुख्यमंत्री जी मंच से महिला हितैषी भाषण देते रहे और एक महिला सभा में खड़ी अपनी पीड़ा को लेकर रोती रही। यह तो सिर्फ वे घटनाएं हैं जो पिछले तीन-चार दिन में मध्यप्रदेश में घटित हुई हैं। शिवराज जी की सरकार में पिछले 18 साल से प्रदेश महिला उत्पीड़न में पूरे देश में नंबर वन हो चुका है। महिलाओं का अपमान करना, उनका उत्पीड़न करना और उनके बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करना भाजपा की पहचान बनता जा रहा है। मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों से निवेदन करता हूं कि वे अपने अधिकारों की लड़ाई में आगे आएं कांग्रेस पार्टी उनके अधिकारों के संघर्ष में उनके साथ खड़ी है।

ये तालिबानी सोच : कांग्रेस विधायक

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने इस बयान को महिलाओं का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय को इस बयान के लिए माफी मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या बीजेपी देश में अपना संविधान लागू करना चाहती है। भारत लोकतांत्रिक देश है, यहां सभी को अपने हिसाब से जीने का हक है। भाजपा तय नहीं करेगी की कौन क्या पहनेगा। इसी तरह कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भी बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के बयान को तालिबानी सोच बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सोच महिलाओं को निम्न स्तर का बनाने में लगी हुई है। भाजपा के दिल में महिलाओं के प्रति घृणा, नफरत है। कैसे महिलाओं पर अत्याचार किया जाए, कैसे चार दीवारी के अंदर रखा जाए, यही इनकी सोच है। मोदी भी शूर्पनखा शब्द का इस्तेमाल कर चुके हैं।

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