पेण्ड्रा-मरवाही

विधायक अजीत जोगी की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महुआ का समर्थन मूल्य 17 से बढ़ाकर 30 रुपये किलो किया

पेंड्रा (अमित रजक)। छत्तीसगढ़ सरकार ने महुआ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 17 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये प्रति किलो कर दिया है। वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने इसकी घोषणा की। उल्लेखनीय है कि महुआ के समर्थन मूल्य को बढ़ाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने शासन से मांग की थी।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि महुआ का समर्थन मूल्य कम है जबकि खुले मार्केट में इसकी कीमत ज्यादा है। जिसके कारण महुआ बीनने वालों की परेशानियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने फौरन इसके समर्थन मूल्य को 13 रुपये और बढ़ाने की घोषणा की। दिल्ली बुलेटिन ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर आदिवासियों की मांग को उठाया था। दिल्ली बुलेटिन की खबर पर संज्ञान लेते हुए शासन ने त्वरित कार्यवाही की है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री एवं मरवाही के विधायक अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर शासन द्वारा महुआ का समर्थन मूल्य मात्र 17 रुपये निर्धारित किए जाने व महुआ संग्राहकों के साथ अव्यवहारिक एवं गलत निर्णय है। महुआ का समर्थन मूल्य तत्काल 40 रुपये किया जाना चाहिए क्योंकि 17 रुपए की कीमत बाजार मूल्य से भी आधे से कम कीमत है। उन्होंने बकायदा पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश का उदाहरण भी दिया था जहां इस वर्ष महुए का समर्थन मूल्य 35 रुपये प्रति किलो पर दिया गया है। महुआ की कीमत में शुरु हुई राजनीति पर विराम लगाते हुए राज्य सरकार ने इसकी कीमत को तत्काल बढ़ाते हुए 30 रुपये किलो कर दिया है।

आदिवासियों की आय का प्रमुख स्रोत

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के वनांचल क्षेत्र के अलावा गांव-गांव में आदिवासियों द्वारा बड़ी मात्रा में महुआ फूल एकत्रित किया जाता है जो कि इनके आय का प्रमुख स्रोत है। स्थानीय स्तर पर हर साल लगभग 30 से 40 करोड़ रूपये के महुए का संग्रहण होता है। इस साल मौसम की मार के कारण महुआ का उत्पादन कम होगा। जिससे बाजार में नया महुआ 40 रुपये किलो तक है तथा इसका भाव और तेज होने की संभावना है।

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