मध्य प्रदेश

सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के विरुद्ध द्वेषपूर्ण कार्रवाई मामले में डीजीपी को नोटिस

कोर्ट ने मांगा जवाब, पूर्व डीजीपी व वर्तमान आईजी भी घिरे

भोपाल। अपर सत्र न्यायाधीश जबलपुर विपिन सिंह की अदालत ने पूर्व डीजीपी सुरेंद्र सिंह व वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। मामला सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के विरुद्ध द्वेषपूर्ण कार्रवाई के आरोप से संबंधित है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। इस दिन पूर्व व वर्तमान डीजीपी, वर्तमान आईजी सहित अन्य को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा।

दरअसल, पचपेढ़ी, जबलपुर निवासी सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक अशोक राणा ने आरोप लगाया है कि आला अधिकारियों ने उनके विरुद्ध द्वेषपूर्ण आशय से विभागीय जांच संस्थित की थी। राणा का कहना है कि वे कटनी में पदस्थापना के दौरान वर्ष 2014 में अस्वस्थता के चलते पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर से एक माह का अवकाश स्वीकृत कराकर जांच व उपचार के लिए रवाना हुए थे। मेडिकल कालेज, जबलपुर के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डा. प्रशांत पुणेकर की सलाह अनुसार उनके द्वारा विभाग को सूचित करते हुए अपने स्वीकृत अवकाश को बढ़वाया था। स्वस्थ होने के उपरांत चिकित्सकीय सलाह अनुसार वह अपने कर्तव्य पर उपस्थित हो गए थे। इसके बावजूद न केवल विभागीय जांच के मानमाने आदेश जारी किए गए बल्कि पेंशन की 10 प्रतिशत राशि में कटौती का दंड भी दिया गया। जिसके विरुद्ध अधिवक्ता जीएस ठाकुर व संजय सोनी के जरिए अदालत की शरण ली।

आईजी से स्वीकृत हुआ अवकाश

सेवानिवृत्त डीएसपी अशोक राणा की तरफ से दायर पुनरीक्षण याचिका में कहा गया था कि कटनी में पदस्थ रहने के दौरान उसे मेडिकल जांच व उपचार के लिए जबलपुर आईजी ने एक माह का अवकाश स्वीकृत किया था। अवकाश के बाद जब वह कार्य पर वापस लौटे तो उनके खिलाफ जांच प्रारंभ कर दी। इतना ही नहीं विभागीय जांच में दोषी करार देते हुए पेंशन से 10 प्रतिशत की स्थाई रूप से कटौती करने के अमानवीय दंड से दंडित किया। जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने विभागीय जांच व दंड को निरस्त करते हुए उनके पक्ष में राहतकारी आदेश जारी किया था।

इन्हें जारी हुआ नोटिस

हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर की गयी थी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपील को आधारहिन मानते हुए खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पेंशन राशि का भुगतान कर दिया गया। दुर्भावनावश की गई विभागीय जांच करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया। न्यायालय ने अनावेदक पूर्व डीजीपी सुरेन्द्र सिंह, वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना, पुलिस अधिकारी डी श्रीनिवास राव, गौरव राजपूत, राजेश हिंगणकर, यशपाल राजपूत तथा एएसपी देवेन्द्र प्रताप सिंह राजपूत, आभा टोप्पो एवं निरीक्षक पीएल प्रजापति, उप निरीक्षक आरपी तिवारी, आरके पुरसानी, पंकज ताम्रकार, नरेश विश्वकर्मा, सरस्वती नामदेव, राजीव दुबे, पुरुषोत्तम गौतम, कोदूलाल को नोटिस जारी किये हैं।

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