नई दिल्ली

एक नहीं दिल्ली सरकार के 12 कॉलेज में ‘सैलरी का संकट’, 4 साल से फंड की भारी कमी’ …

नई दिल्ली। दिल्ली की यश्स्वी केजरीवाल सरकार के अधीन आने वाले दीन दयाल कॉलेज में ‘वेतन में कटौती’ का मुद्दा राजनीतिक दल द्वारा गरमाया जा रहा है। कॉलेज का नोटिस मीडिया में सामने आने के बाद से भाजपा (नरेंद्र मोदी) केजरीवाल सरकार पर हमलावर है और दिल्ली सरकार के ‘रेवड़ी मॉडल’ को इसके लिए जिम्मेदार बता रही है। वहीं केजरीवाल मोदी सरकार द्वार अपने व्यापारिक मित्रों का कर्जा माफ करने को रेवड़ी कल्चर बता तीखा पलटवार किया है।अब दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन के चीफ ने दावा किया है कि यह स्थिति 12 कॉलेजों में और 4 साल से फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

डूटा अध्यक्ष एके बागची ने बातचीत में कहा, ”फंड के अभाव में वेतन में देरी हो रही है। दीन दयाल कॉलेज समेत 12 कॉलेजों में पिछले 4 साल से शिक्षकों के वेतन में कटौती हो रही है या देरी से पेमेंट हो रहा है। एक साल में हमने 4-6 बार प्रदर्शन किया है। मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है। नॉन-टीजिंग स्टाफ को भी दिक्कत हो रही है।”

गौरतलब है कि मीडिया में दिल्ली यूनिवर्सिटी के दीन दयाल कॉलेज का एक नोटिस आया है, जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर की जुलाई की सैलरी में 30 से 50 हजार रुपए तक रोके जाने की बात कही गई है। पैसों की कमी का हवाला देते हुए इसमें कहा गया है कि फंड आने के बाद रुका हुआ पैसा दिया जाएगा। 1990 में स्थापित हुए डीडीयू की 100 फीसदी फंडिंग दिल्ली सरकार करती है।

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