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श्रीनगर आतंकी हमले में सामने आ रही बड़ी लापरवाही: अलर्ट के बाद भी जवानों को बस में असुरक्षित भेजे गए थे …

जम्मू । सोमवार को श्रीनगर में जवानों से भरी बस पर हुए आतंकी हमले के पीछे लापरवाही की खबरें आ रही हैं। दरअसल, कश्मीर में सुरक्षाबलों पर आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने बीते हफ्ते कई बार सूचना दी थी। इसके बावजूद जवानों को बुलेटप्रूफ वाहन में न भेजे जाने को लापरवाही से जोड़ कर देखा जा रहा है। साथ में घाटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी भी साझा की गई थी बता दें कि सोमवार को आतंकवादियों की ओर से की गई अंधाधुंध फायरिंग में दो जवान शहीद हो गए थे। वहीं, मंगलवार को इस हमले में तीसरा जवान शहीद हुआ है।

खबर के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों की तरफ से जो जानकारी साझा की गई थी उसमें कुछ भी खास नहीं था और इसमें पुलिस और सुरक्षाबलों पर संदिग्ध संभावित हमलों का सामान्य विवरण था। सोमवार को किए गए हमले में 3 जवानों के शहीद होने के अलावा 11 अन्य घायल भी हुए हैं। आतंकवादियों ने यह हमला उस वक्त किया जब जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस के जवानों को लेकर बस श्रीनगर के बाहरी इलाकों की ओर जा रही थी। बता दें कि सोमवार को संसद पर साल 2002 में हुए आतंकी हमले की बरसी भी थी।

बीते हफ्ते सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से शेयर किए गए इनपुट के मुताबिक, आतंकवादियों ने पुलवामा हमले की तर्ज पर ही आतंकी हमले करने की योजना बनाई है। इनपुट के मुताबिक, सुरक्षाबलों और उनके मुखबिरों पर भी हमले की आशंका है।

बीते हफ्ते किए खुफिया एजेंसियों के ऐनालिसिस से पता लगा था कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 9 प्रशिक्षित आतंकवादी पुंछ की तरफ से दो जत्थों में भारत में घुसपैठ कर चुके हैं। ये आतंकी सुरक्षाबलों पर हमले की योजना से ही घुसे हैं। इनपुट यही थे कि मध्य कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों पर भी हमले हो सकते हैं।

बीते महीने सीआरपीएफ ने जवानों के लिए जो एसओपी जारी की थी उसमें हर वक्त हथियार साथ रखने तक के लिए कहा गया था। इसके साथ ही क्विक ऐक्शन टीम यानी क्यूएटी को हर समय किसी भी आतंकी हमले से निपटने को तैयार रहने को भी कहा गया था।

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