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मुंबई पहुंचकर सबसे पहले परमबीर से 100 करोड़ की वसूली मामले में 10 सवालों के मांगेगी जवाब सीबीआई, महाराष्ट्र सरकार जांच के फैसले के खिलाफ SC पहुंची

मुंबई (वैशाली सोनवलकर) । नई सरकार के गठन के बाद से ही महराष्ट्र सरकार पर नित नए संकट के बादल छा रहे हैं। इसी क्रम में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे 100 करोड़ की वसूली का टारगेट देने के आरोपों की जांच में सीबीआई एक्टिव हो गई है। सीबीआई की टीम आज मुंबई पहुंचकर आरोप लगाने वाले पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से पूछताछ करेगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इसके कुछ ही घंटों बाद देशमुख ने इस्तीफा दे दिया था। सोमवार देर रात ही उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात की। इसके बाद आज सीबीआई जांच के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी।

सीबीआई की एक टीम मुंबई पहुंची है। टीम सबसे पहले परमबीर सिंह का बयान दर्ज करेगी। इस टीम को हिमाचल प्रदेश कैडर के 2006 बैच के IPS अभिषेक दुलार हेड कर रहे हैं। IIT दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग करने वाले दुलार स्टेट विजलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो को भी संभाल चुके हैं। वे शिमला, मंडी और कुल्लू के पुलिस अधीक्षक रहे हैं। विजलेंस डिपार्टमेंट में उनके काम को देखते हुए ही उन्हें इस केस की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सीबीआई परमबीर से ये 10 सवाल कर सकती है

  1. आपको कब और कैसे 100 करोड़ की वसूली के बारे में जानकारी मिली, इसे डिटेल में बताएं?
  2. सचिन वझे ने जब इस मामले का खुलासा किया गया तो आपने सबसे पहला कदम क्या उठाया?
  3. आपने इस वसूली मामले को रोकने का प्रयास किया या नहीं? आपने कोई भी FIR या शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई?
  4. 16 साल तक सस्पेंड रहने पर सचिन वझे को किस आधार पर फिर से बहाल किया गया? इसमें आपकी क्या भूमिका थी?
  5. क्राइम ब्रांच में कई सीनियर होने के बावजूद उन्हें क्यों CIU का हेड बनाया गया?
  6. प्रोटोकॉल नियम को दरकिनार करते हुए वझे सीधे आपको क्यों रिपोर्ट करते थे?
  7. आपने उनके ज्वाइन करने के तुरंत बाद लगभग सभी बड़े महत्वपूर्ण केस उन्हें सौंपे?
  8. एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर होने के बावजूद वझे के रसूख पर आपको कभी संदेह नहीं हुआ?
  9. एंटीलिया केस की जानकारी मिलने के बाद ज्यूरिडिक्शन नहीं होने के बावजूद सचिन वझे को इसकी जांच क्यों सौंपी गई?
  10. सचिन वझे को स्पेशल पावर देने के लिए क्या कभी किसी पॉलिटिकल व्यक्ति ने दबाव बनाया था?

 

महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने मंगलवार दोपहर बाद पदभार ग्रहण कर लिया। पदभार ग्रहण करने के बाद पाटिल ने कहा कि बेहद मुश्किल समय में मुझे एक चैलेंजिंग रिस्पांसिबिलिटी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि जो निर्णय माननीय हाईकोर्ट की ओर से दिया गया है उसे चैलेंज करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। हमारी यह कोशिश रहेगी कि पुलिस डिपार्टमेंट सिस्टम से चले। सोमवार शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर देशमुख का इस्तीफा मंजूर करने की सिफारिश की थी, जिसे राज्यपाल ने मंजूर कर लिया था।

देशमुख के इस्तीफे के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार में तालमेल की कमी से सवाल उठ रहे हैं। असल में कहा जा रहा है कि शिवसेना देशमुख का इस्तीफा बहुत पहले से चाह रही थी, लेकिन NCP के दबाव में CM कोई कठोर कदम नहीं उठा पा रहे थे। हालांकि, एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित किए जाने के बाद से माना जा रहा था कि शिवसेना देशमुख का इस्तीफा चाहती है।

उधर, NCP देशमुख के खिलाफ तत्काल एक्शन की जगह उनके मंत्रालय को बदलना चाहती थी, लेकिन हाई कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश के बाद CM ठाकरे ने जजमेंट की कॉपी मंगवाई और यह संकेत दिया कि वे जल्द इस मामले में कार्रवाई कर सकते है। इसके बाद ही माना जा रहा है कि देशमुख ने इस्तीफा दिया है।

महा विकास अघाड़ी में सहयोगी कांग्रेस भी राजनीतिक घमासान और खुद को तरजीह न मिलने से नाखुश है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने पूरे घटनाक्रम पर कहा, ‘यह तीन पार्टियों वाली सरकार है। जो भी होता है, सभी सहयोगियों को उसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। हालांकि, वझे-देशमुख विवाद को NCP का मामला माना जा रहा है। NCP ने CM से विचार-विमर्श किया क्योंकि उन्हें करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हमारी राय जानने की जहमत नहीं उठाई। अगर यह एक राजनीतिक लड़ाई है तो तीनों पार्टियों को साथ मिलकर लड़ना होगा। देशमुख के इस्तीफे से MVA की समस्याएं खत्म होना मुश्किल है, बल्कि ये और बढ़ेंगी।’

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