मध्य प्रदेश

एक मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत होगा मध्य प्रदेश का पेपरलैस बजट, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए होंगे प्रावधान

28 फरवरी को प्रस्तुत होगा प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण, सीएम ने की विधानसभा बजट-सत्र की तैयारियों की समीक्षा

भोपाल। शिवराज सरकार एक मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत करेगी। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सदन में बजट पेश करेंगे। चुनावी साल में शिवराज सरकार का यह आखिरी बजट होगा। इस बजट में सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं का ऐलान कर सकती है। प्रदेश सरकार का यह बजट तीन लाख करोड़ से अधिक का होगा। पिछले साल सरकार ने 2 लाख 79 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया था।
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू होगा। इस बजट सत्र का समापन 27 मार्च को होगा। बजट सत्र के शुरू होने के पहले दिन 11 बजे राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इसके बाद विधायकों का फोटोसेशन होगा। एक मार्च को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा विधानसभा में बजट पेश करेंगे। बजट पेश होने के बाद तीन मार्च तक सदन चलेगा। इसके बाद अवकाश घोषित हो जाएगा। बता दें प्रदेश सरकार पर करीब तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। बजट पर जनता की नजर रहेगी। चुनावी साल में सरकार जनता के लिए नई सौगातों का ऐलान कर सकती हैं। बजट में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एससी-एसटी, ओबीसी सहित अन्य वर्गों के लिए संचालित योजनाओं के वित्तीय प्रविधान में वृद्धि प्रस्तावित की जाएगी। मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के माध्यम से राशन वितरण का काम चुनिंदा परिवहनकर्ताओं के स्थान पर स्थानीय युवाओं को देने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को बजट आवंटित किया जाएगा।  बजट के पहले कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें वित्त मंत्री के भाषण को अनुमोदित किया जाएगा। इस बार भी कृषि और चाइल्ड बजट रहेगा।

सूत्रों के अनुसार सरकार सामाजिक क्षेत्र के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्वरोजगार संबंधी योजनाओं के लिए विभागों को पिछले साल से ज्यादा बजट देगी। इसमें एससी-एसटी, ओबीसी, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के लिए प्रारंभ की गई स्वरोजगार की योजनाएं शामिल की गई हैं। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, ग्रामीण पथ विक्रेता योजना सहित अन्य योजनाओं को जारी रखने के साथ ही इसके लक्ष्य में वृद्धि भी प्रस्तावित की गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बार बजट सवा तीन लाख करोड़ रुपये तक का हो सकता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की विधानसभा के बजट-सत्र की तैयारियों की समीक्षा

गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजकीय विमानतल पर विधानसभा बजट-सत्र की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा है कि विधानसभा में विभिन्न विभागों की ओर से दिए जाने वाले उत्तर स्पष्ट और तथ्यपरक हों। सभी विभाग अपने से संबंधित जानकारियां समय रहते संसदीय कार्य विभाग को उपलब्ध कराएं। बजट-सत्र के दौरान अधिकारी मुख्यालय पर ही रहें। राज्य शासन द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाला बजट आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण को आगे बढ़ाने वाला बजट होगा। बजट में विभिन्न विभागों के लिए किए जा रहे प्रावधानों के संबंध में विभागीय मंत्रीगण बजट प्रस्तुत होने के बाद प्रदेशवासियों से इन प्रावधानों के संबंध में सार्थक संवाद भी करें।

सत्र में  लाए जा सकते हैं 5 विभागों के 8 विधेयक

इस बैठक में अपर मुख्य सचिव संसदीय कार्य विनोद कुमार, प्रमुख सचिव विधानसभा अवधेश प्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र सिंह उपस्थित थे। सभी मंत्रीगण, मुख्यमंत्री सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में जानकारी दी गई कि 27 फरवरी से 27 मार्च तक चलने वाले सत्र में 5 विभागों के 8 विधेयक संभावित हैं, जिनमें वित्त विभाग के 3, नगरीय विकास एवं आवास के 2, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, उच्च शिक्षा और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग का एक-एक विधेयक शामिल हैं। बैठक में सभी 55 विभागों की शून्यकाल, अपूर्ण उत्तर, आश्वासन और लोक लेखा समिति की लंबित सिफारिशों के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत की गई।

प्रदेश के बजट का नहीं होगा प्रकाशन, सरकार विधानसभा में पेश करेगी पेपरलैस बजट

मप्र में विधानसभा के बजट सत्र को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है। मध्य प्रदेश में पहली बार ई-बजट पेश होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण के बाद वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा टेबलेट से ऑनलाइन बजट (पेपरलेस बजट) पेश करेंगे। सदन में विधायकों को भी टेबलेट दिए जाएंगे। जिससे विधायक टेबलेट पर पीडीएफ फाइल के जरिए ऑनलाइन बजट पढ़ सकेंगे। इसके साथ ही बजट का प्रकाशन नहीं होगा। विधायकों को बजट की पेनड्राइव दी जाएगी। 1 मार्च को मध्यप्रदेश का बजट पेश होगा। मप्र सरकार 27 फरवरी से शुरू हो रहे सत्र में पंद्रहवी विधानसभा का आखिरी बजट सत्र पेश करने जा रही है। खास बात यह है कि इस बार बजट डिजिटल फार्म पर पेपरलैस पेश होगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सदन में लैपटॉप पर बजट भाषण पढ़ेंगे। साथ ही सभी विधायकों को भी इस बार बजट की छपी प्रति नहीं मिलेगी। उन्हें आई-पैड दिया जाएगा। इस पूरा प्रबंधन वित्त विभाग की ओर से किया जा रहा है।

अधिकारी बजट की तैयारी में लगे

वित्त विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी वित्त वर्ष 2023-24 का बजट तैयार करने में दिन-रात लगे हुए हैं। बजट की तैयारी अंतिम चरण में है। विभाग ने इस बार तय किया है कि बजट पेपरलैस होगा। इसे सिर्फ डिजिटल फार्म पर पेश किया जाएगा। बजट की मुख्य प्रति के अलावा अन्य सभी तरह के वित्तीय लेखे भी डिजिटल उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि परंपरानुसार विधानसभा में सदन के पटल पर बजट की सिंगल प्रिंट कॉपी रखी जाएगी। जिसे साधारण प्रिंटर से तैयार किया जाएगा। पत्रकार एवं अन्य को पैनड्राइव में बजट की प्रति एवं वित्तीय लेखे दिए जाएंगे। बजट पेश होने के बाद विधानसभा एवं वित्त विभाग की साइड से अपलोड भी हो सकेगा।

पहली बार बदली व्यवस्था

केंद्र सरकार में भी पिछले 2 साल से वित्त मंत्री द्वारा डिजिटल फार्म पर बजट पेश किया जा रहा है। मप्र में भी पहली बार बजट को पेपरलैस किया जा रहा है। बजट भाषण से पहले ही सभी विधायकों को सदन में आई-पैड दिया जाएगा। जिन विधायकों को तकनीकी दिक्कत आएगी, उनके सहयोग के लिए आईटी विशेष भी मौजूद रहेंगे। वित्त विभाग के अनुसार पेपरलैस बजट होने से छपाई पर होने वाला करीब 2 करोड़ से ज्यादा का खर्च बचेगा।

27 फरवरी को कांग्रेस विधायक दल की बैठक
बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस अपनी रणनीति 27 फरवरी को बनाएंगी। इसके लिए विधायक दल की बैठक सोमवार शाम को पीसीचीफ कमलनाथ के निवास पर बुलाई गई हैं। इस बैठक में चर्चा के लिए विधायकों के नाम तय करने के साथ-साथ सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा बनेंगी। भाजपा विधायक दल की बैठक की तारीख अभी तय नहीं है। हालांकि रविवार शाम सोमवार को सीएम शिवराज विधायक दल की बैठक बुलाने की बात कहीं जा रही हैं।

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