लेखक की कलम से

ज़रा जी के तो देखो …

सुशांत के इस कायराना कारनामे से बेहद आहत हैं फैंस, सिने प्रेमी और नवयुवक- नव युवतियां।

सोशल मीडिया से लेकर यूट्यूब, टि्वटर, सभी सोशल प्लेटफार्म पर

भरे पड़े हैं कमेंट्स से!

 

जिन्होंने कभी कमेंट नहीं किया होगा,

वह भी सब कमेंट कर रहे हैं !!

 

 

बात टूटने – बिखरने की नहीं है।

बात समझकर, हमें और समझदार बनने की है।।

 

किसी भी क्षेत्र में जाने से पहले सारे इंस एंड आउट्स, आफ्टर इफेक्ट्स, जॉब नेचर, जरूरतें, अपनी क्षमताएं, प्राथमिकताएं, जीवन मूल्य, साहस, हौसले भी तौल लिए जाएं।।

 

सपने तो देखना ही है,

पर बंद आंखों से नहीं ।।

खुली आंखों से,

यथार्थ की ज़मीन पर।।

 

क्योंकि;-

 

 आंसू भी है ख़ुशियां भी हैं।

कांटे भी हैं, कलियां भी हैं।

 दुख सुख से भरी है यह ज़िंदगी। तुम्हें कैसी मिली है ज़िंदगी।

ज़रा जी के तो देखो।।

 

ये मत सोचो कि कितना मिला। सोचो बहुत मिला।

 तुम्हें जितना मिला।।

क़िस्मत क़िस्मत कहो न।

 मेहनत मेहनत करो।।

©अनुपमा अनुश्री, भोपाल, मध्य प्रदेश

Back to top button