लेखक की कलम से

ऐसा ना कीजौ …

“जो किये हो दाता,,,

ऐसा अब ना कीजौ”,,,

जो अब किये हो दाता ऐसा ना कीजौ..

हर मां को अपनी बेटी का बलात्कार ना देखन दीजौ,,

 

हर बच्ची को उसका पूरा बचपन जीने दीजौ,,

ना हो बलात्कार ऐसा कुछ कीजौ,,

छोटी परियों के साथ ना खेल पाये कोई दरिंदा ऐसा कुछ कीजौ,,

माता सीता को जिसने छुआ तक नहीं ऐसे संस्कार रावण के दीजौ,,

 

जो अब किये हो दाता ऐसा ना कीजौ..

हर मां को अपनी बेटी का बलात्कार ना देखन दीजौ,,

 

ना हो बलात्कार इस दुनियां में ऐसा कुछ को,,

बस इतनी शक्ति सबको दीजौ,,

ख़तम हो गन्दी सोच उन हैवानों की कुछ ऐसा कीजौ,,

ना बने हर मा की बेटी निर्भया बलात्कारियों को ऐसी सजा दीजौ,,

बच्ची हो या महिला किसी की इज्जत ना लुटने दीजौ,,

ना हो हैवान हावी कुछ ऐसा कीजौ,,

 

जो अब किये हो दाता ऐसा ना कीजौ,,

हर मां को अपनी बेटी का बलात्कार ना देखन दीजौ,,

 

उतार सके मौत के घाट उन हैवानो को इतनी शक्ति हर मा को दीजौ,,

करे जो इज्जत को तार तार उसको जीने का हक ना

दीजौ,,

ना कह पाए कोई मा कि अगले जनम मुझे बिटिया ना

दीजौ,,

 

 

जो अब किये हो दाता ऐसा ना कीजौ,,

हर मां को अपनी बेटी का बलात्कार ना देखन दीजौ,,

 

 

©प्रज्ञा शिवहरे, शिवपुरी, मध्यप्रदेश

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