नई दिल्ली

उत्तराखंड के जंगलों में अलग-अलग 964 जगह लगी आग, चार लोगों की मौत समेत अमूल्य वनसंपदा नष्ट …

नई दिल्ली (पंकज यादव) । उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। आलम ये है कि एक जंगल में लगी आग बुझने से पहले ही, दूसरे जंगल में वानाग्नी का कहर शुरू हो जाता है। बीते कुछ दिनों में राज्य में हेक्टेयर के हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। जिन इलाकों में आग लगी है उनमें पिथौरागढ़, नगर का भाटकोट, कस्तूरी मृग विहार क्षेत्र का घनधूरा रेंज, डीडीहाट वन रेंज के पमस्यारी, लालघाटी, थल डीडीहाट वन क्षेत्र, नारायणनगर, मूनाकोट, कनालीछीना विकासखंड के पनखोली, पलेटा, लछैर, मड़मानले, ध्वज और बड़ालू शामिल हैं।

इनके अलावा गंणाई गंगोली के ग्राम पंचायत लाखटोली में 19 लुट्टे जल गए। चंपावत के पास मानेश्वर में चीड़ के जंगल में शुक्रवार की रात अचानक आग लग गई। देखते ही देखते करीब एक हेक्टेयर क्षेत्र में आग भड़क गई। वन विभाग के प्रयासों से डेढ़ घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। इसी तरह पाटी क्षेत्र के छिनकाछिना, जौलमेल, गर्सलेख के जंगलों में आग बेकाबू हो गई। शनिवार को जंगल की आग पाटी के रामलीला मैदान तक पहुंच गई।

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को लेकर राज्य के मंत्री हरक सिंह रावत ने बयान जारी कर कहा है कि, “जंगलों में आग लगी है। प्रदेश में 964 स्थानों पर आग लगी है। इसमें 4 लोगों और 7 घरेलू पशुओं की मौत हुई है। 2 लोग घायल हुए हैं। जलवायु परिवर्तन प्रदेश सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। मैं और मुख्यमंत्री निगरानी कर रहे हैं।”

वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मीडिया को बयान दिया है कि, “उत्तराखंड के जंगलों में आग के सम्बंध में मैंने प्रदेश के सीएम तीरथ सिंह रावत से बात कर जानकारी ली। आग पर काबू पाने और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने तुरंत NDRF की टीमें और हेलिकॉप्टर उत्तराखंड सरकार को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं।”

Back to top button