लेखक की कलम से

कितने अलग

कविता

ग्रामीण या तो 

आदिवासी ही

कितने अलग हैं तुमसे 

बस अलग…. अलगाव नहीं तुमसे |

तुम्हारी पसंद अलग

उनकी पसंद अलग |

कटहल दोनों की पसंद 

 नदी, झरने, जंगल

दोनों की पसंद

लेकिन फर्क भी है कुछ

उन्हें उन्मुक्त नदी पसंद है

और तुम्हें उसका ठहराव |

तुम्हें शिशु कटहल पसंद है 

और उन्हें पसंद है 

रेशेदार, बीजवाले

रसीले बड़े कटहल, 

उनकी पसंद के पीछे

छुपा हुआ है

उनका अपना अर्थशास्त्र |

विश्वासी एक्का, अंबिकापुर
सहा. प्राध्यापक

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