लेखक की कलम से
लिखना है…
नज्म
ज़िन्दगी के लम्हों को कुछ अल्फाजों में लिखना है,
उम्र की कशमकश को कुछ नज़्म अन्दाजों में लिखना है…
खुशगवार लम्हों का हिसाब कागजों में लिखना है,
मायूस लम्हों का हर जवाब मुस्कराहटों में लिखना है…
कुछ अनकहे एहसासों का एहसास प्रयासों में लिखना है,
कुछ अनसुनी बातों का तकरार साँसों में लिखना है ….
गुजरते वक्त का हर अंदाज यादों में लिखना है,
मन के किसी कोने में नाम इरादों में लिखना है…
©अल्पना सिंह, शिक्षिका, कोलकाता