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प्रणेता साहित्य संस्थान दिल्ली द्वारा’आजादी के तराने राष्ट्रीय आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन …

बंगलुरू। प्रणेता साहित्य संस्थान, दिल्ली द्वारा 15 अगस्त 2021 को ‘आजादी के तराने’आनलाइन काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन संस्थान के संस्थापक एवं महासचिव तथा वरिष्ठ उपन्यासकार एसजीएस सिसोदिया के सान्निध्य और मार्गदर्शन तथा अध्यक्षा शकुंतला मित्तल के कुशल संयोजन में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। जिसमें विभिन्न राज्यों के लगभग 32 रचनाकारों ने अपनी सकारात्मक प्रतिनिधि रचनाओं से समां बांध दिया।

कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन प्रणेता की कोषाध्यक्ष चंचल पाहुजा के कर कमलों से किया गया एवं माँ शारदे की वंदना प्रणेता की संरक्षक सुषमा भण्डारी के मधुर कंठ से की गयी। सुषमा की सुमधुर प्रस्तुति से मंच को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।

सरस्वती वंदना के पश्चात संस्थान के संस्थापक और महासचिव एसजीएस सिसोदिया ने अपने उद्बोधन में प्रणेता साहित्य संस्थान का संक्षिप्त परिचय देते हुए सभी उपस्थित साहित्यकारों को शुभकामनाएँ प्रेषित की।

यह गोष्ठी प्रतिष्ठित वरिष्ठ कवयित्री, प्रणेता की संरक्षिका आदरणीया पुष्पा शर्मा कुसुम की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार डा. मंजुला चौहान ने अपनी गरिमामय उपस्थिति से मंच को सुशोभित किया। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में छंद मर्मज्ञ और प्रतिष्ठित कवि कर्नल प्रवीण त्रिपाठी ने मंच की शोभा बढ़ाई। विशिष्ट अतिथि के रूप में जानी मानी साहित्यकार और प्रणेता उपाध्यक्ष डॉ भावना शुक्ल उपस्थित थीं।

प्रणेता साहित्य संस्थान की इस भव्य काव्य गोष्ठी का संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री सरिता गुप्ता और स्वीटी सिंघल ने बहुत ही कुशलता से किया। सभी कवियों ने देशभक्ति, तिरंगा, सैनिकों से संबंधित मार्मिक और ओज से पूर्ण रचनाएँ प्रस्तुत की।

उपस्थित कविगण थे अलका जैन (आनंदी मुंबई से), सुरेखा सिसोदिया, चंद्रमणि मणिका, प्रेमलता चौधरी, राजेश्वरी जोशी, चन्नी वालिया, पंकज, अनीता प्रभाकर, तरुणा, लाडो कटारिया, रीतू प्रज्ञा (दरभंगा बिहार से) परिणीता, निवेदिता सिन्हा, डॉ नीना छिप्पर, विकास जैन, सुधा श्रीवास्तव पीयूषी, दिनेश चंद्र प्रसाद, डॉ कृष्णा आर्य, शिप्रा झा, सीमा मदान, मंजू (मुंबई) चंचल पाहुजा, अशोक पाहुजा, मीनाक्षी भसीन, मुक्ता मिश्रा सभी प्रतिष्ठित, वरिष्ठ, नवोदित कवियों ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम को आजादी के पर्व की शाम को यादगार बना दिया। उपरोक्त कवियों के अतिरिक्त मंचस्थ अतिथियों में डा. मंजुला चौहान, भावना शुक्ला, शकुंतला मित्तल, पुष्पा शर्मा कुसुम की रचनाओं ने कार्यक्रम को ऊंचाइयाँ प्रदान की।

सभी साहित्यकारों की रचनाओं पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दे कर सभी प्रतिभागी कवि सभी का मनोबल बढ़ाते रहे। अंत में महासचिव एसजीएस सिसोदिया और अध्यक्ष शकुंतला मित्तल के धन्यवाद ज्ञापन से काव्य गोष्ठी का समापन हुआ।

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