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वन विभाग के कर्मचारी का कारनामा: पत्नी संग मिल आदिवासी युवती को डेढ़ लाख में बेचा, दंपती गिरफ्तार ….

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के वनांचल चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र की विशेष संरक्षित पंडो जनजाति की 21 वर्षीय विवाहिता को वन विभाग के बीटगार्ड व उसकी पत्नी ने मध्यप्रदेश के राजगढ़ निवासी एक व्यक्ति को डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया। दंपती ने महिला को बेहतर जीवन व सुख सुविधा दिलाने का झांसा दिया था। बेची गई विवाहिता करीब दो माह तक अनाचार और प्रताड़ना झेलने के बाद भाग निकली और घर पहुंच कर पति को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तीनों के खिलाफ अपराध दर्ज कर आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर लिया है।

बिहारपुर चांदनी क्षेत्र में 21 वर्षीय विवाहिता अपने पति के साथ जीवन यापन कर रही थी। कुछ माह पूर्व क्षेत्र में पदस्थ बीट गार्ड सागर सिंह की पत्नी श्यामा बाई जायसवाल के संपर्क में आई। वह 16 नवंबर 2021 को बीटगार्ड के घर गई थी। उसे दंपती ने बेहतर जीवन का झांसा देकर उसे गांव से निकलने प्रेरित किया था। पति के साथ विवाद होने पर महिला 20 नवंबर को घर छोड़कर श्यामा बाई के घर पहुंच गई। श्यामा ने उसे बाहर निकलने पर खुशहाल जीवन देने का झांसा दिया। पीड़िता इससे सहमत हो गई तो श्यामा उसे अपने पति सागर सिंह के सहयोग से सूरजपुर रेलवे स्टेशन लेकर आई।

रेलवे स्टेशन से दोनों महिला को लेकर मध्य प्रदेश के राजगढ़ स्थित मोल्डी गांव के रतन सिंह के घर पहुंचे। यहां पर पांच दिन रहने के बाद वहीं के रहने वाले वाले प्रेम तंवर नामक व्यक्ति के पास महिला को एक लाख 50 हजार में बेचकर दंपती अपने गांव महुली आ गए। दो महीने तक प्रेम तंवर ने पीड़िता के साथ अनाचार किया और उसे प्रताड़ित किया गया।

मारपीट, दुष्कर्म और यातना भरे जीवन से तंग आकर वह भाग कर रतन सिंह के घर पहुंच गई। वहां पर उसे पता चला था कि उसका सौदा कर उसे डेढ़ लाख में बेचा गया था। वह किसी तरह सूरजपुर रोड रेलवे स्टेशन पहुंची और फिर वहां से अपने पति के घर गई। घटना की रिपोर्ट पर चांदनी थाना पुलिस ने धारा 370,376 के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर लिया है। तीसरा आरोपी प्रेम तंवर फरार है।

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