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सिटी बसें डिपो में खड़ी-खड़ी खराब हो रही, 18 बसें शुरू करने का किया गया था दावा, सिर्फ 7 रूटों पर मिल रही सेवा …

बिलासपुर । कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगा तो सिटी बसों को बंद करना पड़ा था। इसके तीन साल बाद भी सिटी बस सेवा बहाल नहीं हो पाई है। दरअसल, डिपो में खड़ी-खड़ी बसों की हालत कंडम हो गई है। बीते 5 दिसंबर को सिटी बस शुरू की गई है। सिटी बस शुरू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली, वह इसलिए क्योंकि कोरोना काल के दौरान छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों को बंद किया गया, ठहराव अब तक बहाल नहीं हो सका है। ऐसे समय में सिटी बस शुरू होने से लोगों उन लोगों को शहर से कनेक्टिवटी का दोबारा साधन मिल गया जो कारोबार या कामकाज के सिलसिले में आना-जाना करते हैं।

बिलासपुर में कोरोना काल के बाद बंद हुई सिटी बस सुविधा के लिए शहरवासियों को तरसना पड़ रहा है। नगर निगम ने दिसंबर में 12 रूट में बसों का परिचालन शुरू करने का दावा किया था। लेकिन, अभी सिर्फ सात रूट पर ही सिटी बसें चल रही है। जबकि, डिपो में खड़ी-खड़ी बसों की हालत कंडम हो गई हैं। बाकी के बसों को शुरू करने अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें सिटी बस का घंटों इंतजार करना पड़ता है।

5 दिसंबर को 7 सिटी बस शुरू करने के दौरान ही यह दावा किया गया था कि तीन माह की अवधि में सभी 50 बसों को दुरुस्त कर शुरू कर दिया जाएगा। इस बीच डेढ़ माह या 45 दिन की अवधि में 18 बसों को शुरू करने की बात कही गई। लेकिन, डेढ़ माह बीत गया है और दूसरे चरण की पांच बसें भी शुरू नहीं हो पाई है।

बिलासपुर में भी सिटी बस सेवा ठप्प पड़ी हुई है। तमाम कोशिशों के बाद भी सिटी बस की सेवा को पहले की तरह फिर से बहाल नहीं किया जा सका है और गिनी-चुनी बसें ही सड़कों में दौड़ रही हैं। वहीं, अधिकांश बसें अभी भी डिपो में खड़ी- खड़ी खस्ताहाल हो रही हैं। दरअसल, शहरवासियों के साथ ही आसपास के ग्रामीणों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की किफायती सुविधा देने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने कई शहरों में सिटी बस का संचालन शुरू किया था।

बिलासपुर को भी एसी और नॉन एसी की 50 सिटी बसें मिली थी। जो करीब 40 किलोमीटर के एरिया में शहर और ग्रामीण क्षेत्र को कनेक्ट करती थीं, जिसमें कोटा, मस्तूरी, रतनपुर, तखतपुर, सीपत, बिल्हा जैसे क्षेत्रों से सीधे तौर पर इसका लाभ आवागमन करने वाले लोगों को मिलता था। इसके साथ ही रोजगार, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, स्टेशन सहित अन्य कार्यों के लिए रोजाना आवागमन करने वाले लोग इसका लाभ लेते थे। लेकिन, कोरोना के दस्तक के साथ सिटी बस की सेवा को बंद करना पड़ा।

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