मध्य प्रदेश

उमंग सिंघार से कांग्रेस को मिला आदिवासी सपोर्ट का बूस्टर

भोपाल

राहुल गांधी की धार जिले के बदनावर में हुई सभा और इस सभा के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा दिखाई गई सक्रियता लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बूस्टर डोज साबित हो सकती है।  इस सभा के जरिए राहुल गांधी ने देश भर के आदिवासियों को साधने का काम आदिवासी नेता की अगुवाई में  और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से किया।

यहां से आदिवासियों के बीच संदेश देश भर में जाए इसकी जिम्मेदारी उमंग सिंघार ने उठाई थी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस क्षेत्र के हजारों आदिवासियों को इस सभा में लाने का काम किया। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी ने आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का असली मालिक बताते हुए उन्हें साधने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने पहले से ही धार जिले को चुन लिया था। इसके पीछे राहुल गांधी का उमंग सिंघार पर भरपूर भरोसा था। उमंग सिंघार इसी जिले से आते हैं और वे राहुल गांधी की टीम में काम करने वालों में शुमार हैं।

उमंग सिंघार के बल पर राहुल गांधी ने यहां पर आदिवासियों के बीच में उनकी हित में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कई ऐलान किए।  राहुल गांधी का आदिवासियों के हित में किए गए वादे लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए बूस्टर डोज साबित हो सकता है।

उमंग पर ही भरोसा
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मजबूत करने के लिए राहुल गांधी ने उमंग पर ही भरोसा दिखाया। यहां की सभा में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी उमंग सिंघार को ही दी गई थी। उमंग ने जिम्मेदारी पर खरा उतरते हुए, यहां पर ऐतिहासिक भीड़ जुटाई। सभा सुनने के लिए आए लोगों में उमंग सिंघार और उनकी टीम ने इतना उत्साह भर दिया कि राहुल गांधी करीब दो घंटे देरी से सभा में पहुंचे, लेकिन सभा सुनने वालों की भीड़ कम नहीं हुई। यहीं पर कांग्रेस विधायकों की भी बैठक राहुल गांधी और पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ली। यहां बैठक लेकर भी यह संदेश दिया गया कि उमंग सिंघार पर पार्टी के राष्टÑीय नेताओं पर खासा भरोसा है।

प्रियंका ने भी जताया था विश्वास
विधानसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने भी उमंग सिंघार पर भरोसा जताया था। वे उमंग के गृह जिले धार के सरदारपुर में सभा करने आई थी, तो उस सभा के सूत्र और मंच का संचालन  उमंग सिंघार के हाथ में ही था। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी की यात्रा उमंग सिंघार को राजनीतिक ऊचाईयां दे गई है।

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