यूरिया घोटाले में चार्जशीट पेश : इस तरह चला भ्रष्टाचार का खेल, लेकिन कोई भी सरकारी अफसर जांच के दायरे में नहीं
जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, सिवनी, समेत छिंदवाड़ा जिले में सामने आए यूरिया घोटाले ने मचा दी थी खलबली
भोपाल। मध्य प्रदेश में खलबली मचा देने वाले यूरिया घोटाले मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी गयी। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि इस चार्जशीट में कोई भी सरकारी अफसर जांच के दायरे तक में नहीं है। अगस्त और सितंबर महीने के सरकारी यूरिया की सप्लाई में गड़बड़ी सामने आयी थी। इसमें दो फर्मों पर आरोप है, जो पिता-पुत्र की है। सितंबर माह में सरकारी यूरिया का बहुचर्चित घोटाला मध्य प्रदेश में सामने आया था। इस मामले में अब पुलिस ने चालान पेश कर दिया है। जबलपुर की लॉर्डगंज थाना पुलिस ने 890 टन सरकारी यूरिया घोटाले के मामले में 60 पन्नों की डायरी अदालत में पेश की है। इसमें कई सनसनीखेज खुलासे शामिल हैं।
890 टन सरकारी यूरिया की गड़बड़ी आई थी सामने
अगस्त और सितंबर महीने के सरकारी यूरिया की सप्लाई में 890 टन यूरिया की गड़बड़ी सामने आयी थी। इसके बाद ये घोटाला प्रदेश में सुर्खियां बन गया था। इसमें खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लिया था और 24 घंटे के भीतर ही पूरे मामले का खुलासा हो गया था। इस पूरे मामले में जबलपुर की लॉर्डगंज थाना पुलिस ने सीजेएम आलोक सिंह की अदालत में चालान पेश कर दिया है। कृभको के डीलर ट्रांसपोर्ट डीपीएमके और सब डीलर्स की लंबी चेन से जुड़े 2 दर्जन से अधिक लोगों के बयानों और जमीनी तहकीकात के बाद पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है।
डीलर और ट्रांसपोर्टर के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज
इस चार्जशीट के साथ पुलिस ने कृभको श्याम फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के डीलर और ट्रांसपोर्टर डीपीएम के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया है। फर्टिलाइजर कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर स्टेट मैनेजर के खिलाफ अपराध के लिए संयुक्त रूप से साजिश से जुड़े दस्तावेज पेश किए हैं। 890 टन सरकारी यूरिया गायब होने के मामले में आरोपी स्टेट मैनेजर जयप्रकाश को जहां पूर्व में हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। वहीं, डीपीएमके के स्थानीय मैनेजर संजय गुप्ता, सहायक कर्मचारी नवीन झा और कृभको के फील्ड ऑफिसर शुभम बिरला फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
पिता-पुत्र की जोड़ी
जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, सिवनी, समेत छिंदवाड़ा जिले में सामने आए इस यूरिया घोटाले ने खलबली मचा दी थी। कृभको श्याम के डीलर डीपीएमके और इसके लिए परिवहन का काम करने वाली डीजी ट्रांसपोर्ट का आसपास में गहरा नाता है। डीपीएमके के प्रोपराइटर द्वारिका गुप्ता और उनका बेटा दिव्यदीप डायरेक्टर हैं। अब यही दिव्यदीप डीजी ट्रांसपोर्ट के प्रोपराइटर उनके पिता द्वारिका डायरेक्टर हैं। यह दोनों पिता-पुत्र इन दोनों फर्मों के इंटरकनेक्शन के कारण लगभग हर साल कृभको श्याम द्वारा सरकारी कोटे के यूरिया की सप्लाई में गोलमाल और गड़बड़ी करते आ रहे थे। मार्कफेड और कृषि महकमे के जबलपुर और भोपाल में बैठे अफ़सर और शासन प्रशासन के उच्च पदों पर पदस्थ इनके संरक्षक गड़बड़ घोटाला पाए जाने के बावजूद इन्हें बचाते रहे।
चार्जशीट पर उठ रहे सवाल
जबलपुर की लॉर्डगंज थाना पुलिस ने 890 टन सरकारी यूरिया घोटाले के मामले में 60 पन्नों की डायरी अदालत में पेश की है। इसमें कई सनसनीखेज खुलासे शामिल हैं। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि इस चार्जशीट में कोई भी सरकारी अफसर का नाम तक नहीं है। माना जा रहा है कि इतना बड़ा घपला बिना किसी सरकारी अधिकारी की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता। इस कारण इस चार्जशीट पर सवालिया निशान लग रहे हैं।