मध्य प्रदेश

कलेक्टर को खरी-खोटी सुनाने वाली एमपी की बहुजन समाज पार्टी की दबंग विधायक रामबाई पर केस दर्ज …

भोपाल। अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बनी रहने वाली बहुजन समाज पार्टी की दबंग छवि की पथरिया की बसपा विधायक रामबाई सिंह परिहार के खिलाफ कलेक्टर को खरी-खोटी सुनाने पर पथरिया विधायक रामबाई सिंह परिहार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। शुक्रवार को वे ग्रामीणों को साथ लेकर समस्याएं सुनाने के लिए कलेक्टर के पास पहुंची थीं।

उन्होंने दमोह कलेक्टर को सबके सामने कहा था- आंखें फूट गईं क्या? कलेक्टर हो कि ढोर। उन्होंने कलेक्टर के लिए बेवकूफ और बदतमीज जैसे शब्द भी इस्तेमाल किए थे। कलेक्टर ने बसपा विधायक के इस व्यवहार पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही थी। कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने बताया कि शुक्रवार देर रात कलेक्टर कार्यालय से आवेदन मिलने पर विधायक रामबाई के खिलाफ अभद्र व्यवहार और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का केस दर्ज किया गया है।

कलेक्टर पहुंची विधायक रामबाई और कलेक्टर के बीच यह हुआ था संवाद

रामबाई: मुख्यमंत्री जी सुबह 8 बजे से उठकर कलेक्टरों, अधिकारियों की मीटिंग लेते हैं, आप शिविर लगवा रहे, आप अपने पथरिया के सीईओ से पूछिए कि आपके अधिकारी कभी जनपद में जाते हैं? कभी नहीं जाते, इन गरीब महिलाओं को 15 साल से पेंशन नहीं मिल रही…।

कलेक्टर: प्रावधान होंगे तो देख लूंगा, मैं चैक करा लेता हूं।

रामबाई: चैक नहीं कर लेते, पहले आप कलेक्टर का कर्तव्य बताइए, आपका कर्तव्य क्या है?

कलेक्टर: ठीक है मैं चैक करा लूंगा।

रामबाई: क्या चैक करा लूंगा? 15 साल में चैक नहीं करा पाए, आपका कर्तव्य क्या है? पहले ये बताइए। आप नियम की बातें मत किया करो मुझसे।

कलेक्टर: मैं चैक करा लेता हूं।

रामबाई: शिविर किसलिए लगाया?

कलेक्टर: शिविर इसलिए लगाया, जिसकी पात्रता है, वो छूटे न…।

रामबाई: पात्रता इनकी है तो कहां जाएं, कौन देखेगा?

कलेक्टर: मैं देखूंगा, जिसकी पात्रता बनती है, अभी यदि पात्रता बनती है, तो मैं चैक करा लेता हूं।

रामबाई: अरे आंखें फूटी हैं क्या, चैक कराने की बात करते हो कलेक्टर हो कि ढोर हो, बेवकूफ आदमी, क्यों कलेक्टर की कुर्सी पर बैठते हो, अपने घर जाकर बैठो, बदतमीज, क्या ये कलेक्टर है या बेवकूफ है।

कलेक्टर: जी…। (यह बोलते हुए चैंबर के अंदर चले गए)

क्या है पूरा मामला…

शासन की ओर से शुक्रवार को पथरिया विधानसभा के नरसिंहगढ़ में जन समस्या निवारण शिविर लगाया गया था। इसमें ज्यादा अधिकारी नहीं पहुंचे, ग्रामीण समस्याएं लेकर पहुंच गए। काफी देर इंतजार के बाद जब अधिकारी नहीं आए तो इस बात की सूचना पथरिया विधायक रामबाई को लगी। वे तुरंत ग्रामीण महिलाओं को अपने साथ लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गईं। उन्होंने पहले कलेक्टर को सूचना भिजवाई और इसके बाद कलेक्टर को बाहर आने के लिए कहा। जैसे ही कलेक्टर बाहर आए, विधायक ने महिलाओं की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। इस बीच कलेक्टर बार-बार जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और वृद्धावस्था पेंशन के दस्तावेज जांच कराने की बात कह रहे थे। इस बात पर विधायक रामबाई भड़क गईं।

एफआईआर दर्ज होने के बाद विधायक रामबाई ने कहा- मुझे धाराओं का कोई डर नहीं। मैं जनता के हित के लिए काम कर रही हूं। इसके पहले भी मेरे खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए जा चुके हैं। परिवार के लोग भी झूठे मामलों में जेल में बंद हैं। जनता के हित के लिए यदि कोई फांसी पर भी चढ़ा दे, तो स्वीकार है। कलेक्टर से जो कहा, उस पर खेद है, लेकिन कलेक्टर बार-बार चैक करा लेंगे-चैक करा लेंगे जैसे शब्द बोल रहे थे, इसलिए गुस्सा आ गया।

विधायक रामबाई की छवी एक दबंग विधायक के रूप में है। वो अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहती हैं। इससे पहले भी वे इस तरह के बयान दे चुकी हैं। सात महीने पहले रामबाई ने पथरिया में ही पुलिस को दबंगई दिखाई थी। यातायात व्यवस्था को लेकर उन्होंने पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई थी। उन्होंने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा था कि ट्रैफिक व्यवस्था ठीक नहीं की तो वे खुद मैदान में उतर आएंगी।

करीब एक साल पहले विधायक रामबाई परिहार का एक वीडियो सामने आया था। इसमें वे सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत का गणित बता रही थीं। पथरिया के लोगों ने उनसे रिश्वत के संबंध में शिकायत की थी। इस दौरान वे कार्रवाई करने के बजाय पंचायत के आरोपी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार का गणित समझाने लगीं। उन्होंने कहा कि एक हजार रुपए तक की रिश्वत लेने में कोई बुराई नहीं है। आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है।

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