मध्य प्रदेश

चार जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन का संशोधित कार्यक्रम जारी

नगरीय निकाय एवं पंचायत उप निर्वाचन के लिये मतदान 5 जनवरी को होगा

मतदान दल रवाना

भोपाल

नगरीय निकाय एवं पंचायतों के उप निर्वाचन के लिये मतदान 5 जनवरी, 2024 को होगा। मतदान की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गयी हैं। मतदान दल मतदान केन्द्रों के लिये रवाना हो गए हैं।

सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग अभिषेक सिंह ने जानकारी दी है पंचायतों में मतदान 5 जनवरी को सुबह 7 से अपरान्ह 3 बजे तक और नगरीय निकायों में सुबह 7 से शाम 5 बजे तक होगा। नगरीय निकायों की मतगणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा 9 जनवरी को सुबह 9 बजे से होगी।

पंचायत उप निर्वाचन में पंचायत पद के लिये मतगणना मतदान के तुरंत बाद मतदान केन्द्र में ही होगी। सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य की ईव्हीएम में की जाने वाली मतगणना 9 जनवरी को संबंधित विकासखण्ड मुख्यालय पर सुबह 8 बजे से की जायेगी।

सरपंच एवं जनपद पंचायत सदस्य पद के निर्वाचन परिणामों की घोषणा 9 जनवरी और जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन परिणाम की घोषणा 11 जनवरी को की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि 9 हजार 220 पंच, 56 सरपंच, 15 जनपद पंचायत सदस्य और एक जिला पंचायत सदस्य के लिये उप निर्वाचन होगा। इसी तरह विभिन्न नगरीय निकायों में 20 पार्षद पद के लिये उप निर्वाचन होना है।

चार जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन का संशोधित कार्यक्रम जारी

मतदान अब 27 जनवरी को

भोपाल

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिला जबलपुर, अशोक नगर, सीहोर एवं खंडवा के रिक्त जिला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन का संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। अब मतदान 27 जनवरी को सुबह 7 से अपरान्ह 3 बजे तक होगा। पूर्व में घोषित कार्यक्रम में मतदान 22 जनवरी को होना था। कुल 4 जिला पंचायत सदस्यों का निर्वाचन होना है।

सचिव राज्य निर्वाचन आयोग अभिषेक सिंह ने जानकारी दी है कि निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन और नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने का कार्य 30 दिसंबर 2023 को शुरू हो चुका है। नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तारीख 6 जनवरी 2024 है। नाम निर्देशन पत्रों की जांच 8 जनवरी को होगी। अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 10 जनवरी 2024 है। मतदान 27 जनवरी को सुबह 7 से अपरान्ह 3 बजे तक होगा। मतगणना 30 जनवरी को विकासखंड मुख्यालय पर और परिणाम की घोषणा 31 जनवरी को जिला मुख्यालय पर होगी। संबंधित क्षेत्र में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। जबलपुर में वार्ड 7, अशोक नगर में वार्ड 5, सीहोर में वार्ड 8 और खंडवा में वार्ड 2 के जिला पंचायत सदस्य का निर्वाचन होना है।

जन समुदाय को शीत लहर (शीतघात) के प्रकोप से बचाव हेतु एडवायजरी जारी

भोपाल

 भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी अनुमान के अनुसार शीतकालीन मौसम में प्रदेश के अधिकांश भागों में सामान्य से न्यूनतम तापमान होने की संभावना है। अत: सभी जिला प्राधिकरणों तथा संबंधित सभी विभागों द्वारा प्रदेश में संभावित शीत लहर (शीतघात) के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुये इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिये विभागीय एवं जिला स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठाए जायें। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला शीत लहर (शीतघात) कार्य योजना तैयार की जाये। प्रत्येक स्तर (जिला, तहसील, ब्लॉक, विभाग) पर शीत लहर प्रबंधन के लिये एक नोडल अधिकारी नामांकित किया जाये। भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा जारी शीत लहर चेतावनी को जिला कमांड और नियंत्रण केंन्द्र के माध्यम से जन सामान्य तथा संबंधित विभागों तक पहुँचाने के लिये आवश्यक व्यवस्था की जाये।

शीत लहर से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों से संबन्धित सुझाव का प्रचार प्रसार होर्डिंग तथा प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, स्थानीय केबल टीवी नेटवर्क, एफएम, सामुदायिक रेडियो से किए जाने की व्यवस्था की जाये। बेघर/प्रभावित लोगों को आश्रय गृहों में स्थानांतरित किया जाये। बेसहारा एवं बेघर व्यक्ति सड़क /मैदान में पाये जाने पर अलाव की व्यवस्था की जाये। स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से कम्बलों की व्यवस्था कर उन्हें वितरित किया जाये। स्कूल तथा शैक्षणिक संस्थाओं का कार्य समय, भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा शीत लहर से संबन्धित दी गई चेतावनी अनुसार आवश्यकतानुसार एवं विधिवत स्कूल खुलने के समय में परिवर्तन करने हेतु आवश्यक आदेश जारी किए जायें। जिले में स्थित सभी शासकीय अस्पतालों में शीत लहर प्रभावितों के उपचार के लिये विशिष्ट कार्य योजना बनाई जाये।

शीतलहर से पहले क्या करें

सर्दियों के कपड़े पर्याप्त मात्रा में रखें। कपड़ों की कई परतें पहनना भी लाभदायक रहता है। आपातकालीन आपूर्तियों के लिए सभी जरूरी सामान तैयार रखें।

शीतलहर के दौरान क्या करें

जितना संभव हो, घर के अंदर रहें। ठंडी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। अपने शरीर को सुखाकर रखें। यदि कपड़े गीले हो जाएँ, तो उन्हें तुरंत बदलें। इससे शरीर की उष्मा बनी रहेगी। मौसम की ताजा जानकारी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें। नियमित रूप से गर्म पेय पिएं। बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखें। शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, कानों की लोब और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेदी या पीलेपन के प्रति सजग रहें। शीतदंश से प्रभावित हिस्से की मालिश न करें। इससे अधिक नुकसान हो सकता है। शीतदंश से प्रभावित शरीर के हिस्सों को गुनगुने पानी में डालें। कंपकंपी को नजरअंदाज न करें – यह एक महत्वपूर्ण अग्रिम संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है। कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत घर लौटें।

 

 

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