मध्य प्रदेश

2024 से पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा का लिटमस टेस्ट, जीत के लिए ‘मंडल’ पर फोकस

भोपाल। कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा पूरी तरह सतर्क हो गई है। इसलिए आगामी पांच राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव को लेकर संयुक्त रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में   पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अगुवाई में शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देश की प्रत्येक लोकसभा से छह-छह नेताओं का चयन किया जाएगा जो चुनावी राज्यों में मंडल स्तर पर कमान संभालेंगे।

इस साल में अंत में मप्र सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। इन्हीं राज्यों के चुनाव परिणाम में लोकसभा चुनाव की झलक दिखेगी। इसलिए भाजपा ने इन चुनावों को लेकर मजबूत रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया है। पार्टी ने एक ऐसी रणनीति बनाई है जिसके तहत वह विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है। इस रणनीति के तहत भाजपा का फोकस मंडल स्तर पर है। इस रणनीति के तहत देश की प्रत्येक लोकसभा से छह-छह नेताओं का चयन किया जाएगा जो चुनावी राज्यों में मंडल स्तर पर कमान संभालेंगे।

दरअसल, कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा पूरी तरह सतर्क हो गई है। इसलिए आगामी पांच राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव को लेकर संयुक्त रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में   पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अगुवाई में शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देश की प्रत्येक लोकसभा से छह-छह नेताओं का चयन किया जाएगा जो चुनावी राज्यों में मंडल स्तर पर कमान संभालेंगे। बैठक में राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद के अलावा कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

5 राज्यों के चुनाव सत्ता का सेमीफाइनल

अगले आम चुनाव से पहले 2023 भी पूरी तरह से चुनावी रंग का साल है। चुनावी समर की शुरुआत फरवरी महीने में नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के साथ हुई। अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव भी संपन्न हो गया है। इन चार राज्यों के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों ने अपना चुनावी हिसाब-किताब परख लिया है। इन दलों की अगली परीक्षा नवंबर-दिसंबर में संभावित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होंगे। इन्हें 2024 लोकसभा चुनाव के लिहाज से सेमीफाइनल भी कहा जा सकता है।  सत्ता के सेमीफाइनल को जीतने के लिए भाजपा ने अभी से पूरी तैयारी शुरू कर दी है। 2024 के आम चुनाव से पहले भाजपा के लिए इन पांच राज्यों के चुनाव उनकी चुनावी रणनीतियों की परख तो होंगे ही, साथ ही जनता के मूड की झलक भी देखी जा सकेगी। जानकार यह भी मानते हैं कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव को एक ही तराजू में नहीं तोला जा सकता है। विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे अहम होते हैं, वहीं लोकसभा चुनाव में जनता राष्ट्रीय परिदृश्य को देखते हुए वोट देती है। यह तो तय है कि सेमीफाइनल में जो जीतेगा, वह पूरे आत्मविश्वास के साथ आम चुनाव में आएगा। इन चुनावों के नतीजों से पक्ष और विपक्ष की रणनीति पर बहुत असर पड़ेगा।

हर मतदाता तक पहुंचने का रखा टारगेट

मप्र सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की विजय पताका फहराने के लिए पार्टी ने नई रणनीति पर काम शुरु किया है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की इस रणनीति के तहत देश की प्रत्येक लोकसभा से छह-छह नेताओं का चयन किया जाएगा जो चुनावी राज्यों में मंडल स्तर पर कमान संभालेंगे। इन नेताओं को हर मतदाता तक पहुंचना होगा और भाजपा के लिए समर्थन मांगना होगा। बैठक में संतोष ने कार्यकर्ताओं का चयन कर उन्हें चुनावी राज्यों में भेजने की बात पर जोर देतें हुए इस काम को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। ये कार्यकर्ता इन राज्यों के मंडल स्तर तक पहुंच कर पार्टी के समर्थन में जनता को जोडऩे का काम करेंगे। साथ ही भाजपा सरकार की जनहितेषी कार्यों से वहां की जनता को अवगत कराएंगे। इसके साथ ही भाजपा सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क करेंगे। बैठक में प्रधानमंत्री के मध्यप्रदेश आगमन को लेकर भी चर्चा की गई जिसमें पीएम मोदी के राजधानी में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए पार्टी के नेताओं की जबाबदारी सौपी जाएगी। इसको लेकर पार्टी की अगली बैठक दो दिन बाद फिर से होगी जिसमें कार्यों का विभाजन किया जाएगा।

Back to top button