मध्य प्रदेश

नपाध्यक्ष चुनाव: दिग्विजय के गढ़ में कांग्रेस को सता रहा पार्षदों की खरीद-फरोख्त का डर

कांग्रेस ने अपने सभी 16 पार्षदों को सुरक्षित स्थान पर भेजा

भोपाल/गुना। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम दिग्विजय के गढ़ राघौगढ़ में नगरपालिका चुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। मतगणना पश्चात कांग्रेस को भाजपा से दोगुने पार्षद होने के बावजूद अध्यक्ष की कुर्सी के लिए पार्षदों की खरीद-फरोख्त का डर सता रहा है। इसी खरीद-फरोख्त की आशंका के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने पार्षदों को सुरक्षित स्थान पर राजस्थान भेज दिया है। नपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कांग्रेस हर कदम को फूंक-फूंककर रख रही है, क्योंकि पार्टी को क्रॉस वोटिंग का डर है।

प्रदेश के पूर्व सीएम एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के गृह नगर राघौगढ़ की नगरपालिका के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है, जब पार्षदों की बाड़ेबंदी की गई हो। नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस को भाजपा द्वारा अपने पार्षदों की खरीद-फरोख्त की आशंका है। इसी आशंका के चलते कांग्रेस ने अपने पार्षदों को राघौगढ़ से किसी दूसरे स्थान पर भेज दिया गया है। हालांकि, कांग्रेस के शहर और ग्रामीण दोनों ही जिलाध्यक्ष इस बात की जानकारी न होने की बात कर रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि पार्षदों को शायद राजस्थान भेजा गया है, क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार है। बताया जा रहा है कि परिणाम घोषित होने के अगले दिन यानी 24 जनवरी की शाम को ही कांग्रेस ने अपने सभी पार्षदों को किसी सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। जबकि, भाजपा के सभी पार्षद राघौगढ़ में ही मौजूद हैं।

24 में से कांग्रेस के 16 और बीजेपी के 8 पार्षद जीते

ज्ञात हो कि, इस बार राघौगढ़ नगरपालिका का चुनाव पार्षदों के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्रित हो गया था। पूरा चुनाव इसी मुद्दे पर लड़ा गया। इसमें कुल 24 वार्डों में से 16 वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशी जीतकर आए हैं। जबकि, भाजपा को 8 वार्डों में जीत मिली है। हालांकि, पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा को 4 सीटें ज्यादा मिली हैं। लोकल राघौगढ़ में भाजपा ने 3 सीट की बढ़त बनाई है। पिछली बार लोकल में केवल एक सीट पर भाजपा प्रत्याशी जीत पाए थे। निवर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष के वार्ड में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इसी वार्ड में विकास कार्य न होने पर नागरिकों ने मतदान के बहिष्कार की बात तक कही थी।

कांग्रेस को 57 और बीजेपी को 37% वोट मिले

नगरपालिका के 24 वार्डों में कुल 45,108 मतदाता थे। 20 जनवरी को हुए मतदान में 76 प्रतिशत मतदान हुआ था। यानी लगभग 34,200 वोट डाले गए थे। 23 जनवरी को आए परिणाम के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशियों को लगभग 19,469 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशियों को लगभग 12,547 मत प्राप्त हुए। इस हिसाब से कांग्रेस को 57 प्रतिशत और भाजपा को 37 प्रतिशत वोट हासिल हुए। यानी कांग्रेस पर आधे से ज्यादा वोटरों ने भरोसा जताया है।

भाजपा ने उतारे थे तमाम दिग्गज, कांग्रेस की ओर से जयवर्धन संभाले रहे मोर्चा

बीजेपी की ओर से प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया, ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, भाजपा के प्रदेश मंत्री और जिला प्रभारी राहुल कोठारी, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, गुना के पूर्व विधायक और पूर्व नपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह सलूजा, चांचौड़ा की पूर्व विधायक और पूर्व जिपं अध्यक्ष ममता मीना, पूर्व राजगढ़ विधायक अमरसिंह यादव, वर्तमान जिपं अध्यक्ष अरविंद धाकड़ जैसे दिग्गजों ने प्रचार-प्रसार किया। प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर गली-गली घूमे और बीजेपी के लिए वोट मांगे। वहीं, कांग्रेस संगठन की जगह ‘किले’ ने ही पूरा चुनाव लड़ा। कांग्रेस की तरफ से विधायक जयवर्धन सिंह ही पूरे समय चुनाव की कमान संभाले रहे। उनके अलावा केवल चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी लगातार प्रचार किया। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और चंदेरी विधायक गोपाल सिंह चौहान केवल एक दिन प्रचार करने पहुंचे थे, उसमें भी उन्होंने कोई बड़ी सभा नहीं की।

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