मध्य प्रदेश

सियासत: छह साल के लिए निलंबित सिद्धार्थ मलैया की दो साल के भीतर भाजपा में घर वापसी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कराई सदस्यता ग्रहण रहे मौजूद

भोपाल। विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आने के साथ राजनीतिक दलों में सियासी जमावट शुरू हो गई है। इसी बीच भाजपा में असंतुष्टों को मनाने और पार्टी छोडक़र गए या निष्कासित नेताओं की घर वापसी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इसी तारतम्य में गुरुवार को भाजपा ने दमोह के दिग्गज नेता और शिवराज सरकार में वित्त मंत्री रहे जयंत मलैया के सुपुत्र सिद्धार्थ मलैया का निष्कासन समाप्त करते हुए उनकी घर वापसी कराई। सिद्धार्थ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता पुन: ग्रहण की।
गौरतलब है कि सिद्धार्थ को दमोह विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के बाद छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। सिद्धार्थ पर उस उपचुनाव में पार्टी विरोधी काम करने का आरोप था उस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी को कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के विश्वासघाती नेताओं व पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाया था। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी उस घटनाक्रम से नाराज हुई थीं। इसके बाद मप्र से लेकर दिल्ली तक शिकवे-शिकायतों का सिलसिला चला। आखिरकार मप्र भाजपा ने पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया सहित दमोह जिले के 5 मण्डल अध्यक्षों को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया था। उनका निस्कासन 9 मई 2021 को किया गया था, लेकिन वर्तमान में भाजपा की कमजोर बताई जा रही स्थिति के बाद पार्टी ने सभी विरोधों को दरकिनार करते हुए एक बार फिर बागियों को गले लगाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सिद्धार्थ मलैया का निष्कासन समाप्त कर उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। छह साल के लिए निस्कासित मलैया दो साल के पहले ही पार्टी में वापस लौट आए। सिद्धार्थ मलैया के भाजपा में वापस आने के बाद पूर्व विधायक व विधायक पद से इस्तीफा देकर हुए दमोह उपचुनाव में हारे राहुल लोधी की दमोह विधानसभा सीट से दावेदारी खतरे में पड़ गई है। पिछले लगभग छह महीने से सिद्धार्थ के अलावा पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने क्षेत्र का दौरा करके एक बार फिर मलैया परिवार से चुनाव लडऩे के संकेत दे दिए थे। माना जा रहा था कि अगर मलैया परिवार से भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो फिर सिद्धार्थ मलैया निर्देलीय या आम आदमी पार्टी के टिकट पर मैदान में उतर सकते हैं।

मंडल अध्यक्षों सहित समर्थकों की भी हुई वापसी

दमोह उपचुनाव के बाद पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध भितरघात के आरोपों के चलते छह साल से बीजेपी से निष्कासित किए गए पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया और उनके समर्थकों की पार्टी में वापसी हो गई है। गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सिद्धार्थ को अंगवस्त्र पहनाकर घर वापसी कराई। इस दौरान निष्कासित 5 मंडल अध्यक्ष भी पार्टी में लौटे। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे। सिद्धार्थ ने वापसी के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि पार्टी ने उन्हें फिर स्वीकार किया है, इसके लिए वे संगठन के आभारी हैं। अब आने वाले समय में संगठन जो जिम्मेदारी सौंपेगा उसे गंभीरता से निभाएंगे। सिद्धार्थ ने नेता पुत्रों के चुनाव लडऩे के सवाल पर सधा हुआ बयान देते हुए कहा कि यह संगठन को तय करना है। वे संगठन के द्वारा सौंपे गए दायित्वों को निभाएंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए राहुल लोधी दमोह उपचुनाव हार गए थे और उन्होंने चुनाव में सिद्धार्थ और उनके समर्थकों पर भितरघात के आरोप लगाए थे जिसकी जांच के बाद सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित किया गया था।

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