मध्य प्रदेश

महाकाल लोक में ऋषियों की 6 मूर्तियां टूटने के 5 दिन बाद हुई एक और घटना, बाल-बाल बचे श्रद्धालु

1000 करोड़ की लागत से निर्मित महाकाल लोक का 6 माह पूर्व पीएम ने किया था उद्घाटन

उज्जैन। महाकाल लोक में 28 मई, रविवार दोपहर बारिश और तेज आंधी के कारण सप्तऋषियों की 6 मूर्तियां टूट गई थीं, इनमें से किसी के हाथ, किसी की गर्दन वहीं 10 मूर्तियों में दरारें आ गई थीं। महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की मूर्तियां गिरने के बाद आज 1 जून, गुरुवार को अब नंदी द्वार का कलश गिर गया। इस घटना के समय वहां से निकल रहे श्रद्धाल बाल-बाल बचे।

अन्य मूर्तियों में भी आईं दरारें

महाकाल महालोक में मूर्तियां बहुत मजबूत व सुरक्षित नहीं दिख रहीं। कई में दरारें पड़ने लगी हैं। कुछ का रंग भी उड़ने लगा है।  कुल 11 मूर्तियों के अलग-अलग हिस्से में दरार हैं। बाकी करीब 11 मूर्तियों के किसी हिस्से का रंग उड़ने लगा है तो किसी में कोई और परेशानी। भगवान शिव की एक प्रतिमा के तो सीने पर ही दरार आ गई। गजासुर संहार दर्शाने वाली मूर्ति का बेस कमजोर दिखा। ,

सरकार के दावे फेल, पहली बारिश में ही मूर्तियां क्षतिग्रस्त

मूर्तियां लगाने के समय बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि यह मूर्तियां ना तो आंधी तूफान से खराब होंगी और ना ही इस पर बारिश का कोई असर पड़ेगा, लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस और प्लास्टिक से बनी मूर्तियां पहली बारिश में ही क्षतिग्रस्त हो गईं।

कलेक्टर बोले- अब सभी मूर्तियां पत्थर की मूर्तियों में परिवर्तित की जाएंगी

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि बारिश की वजह से पूरे शहर में नुकसान हुआ है। महाकाल लोक में कुछ मूर्तियां गिर गई। सभी मूर्तियां एफआरपी की थी, जिन्हें सुंदरता के दृष्टिगत सीमेंटेड नहीं किया गया था।  जल्द ही मूर्तियों को पत्थर की मूर्तियों में परिवर्तित किया जाएगा। इन मूर्तियों के 5 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कंपनी की है।

11 अक्टूबर 2022 को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोकÓ का लोकार्पण किया था। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है।

दूसरे चरण में हुआ था 778 करोड़ का काम

महाकाल लोक में भगवान शिव समेत अन्य देवी-देवताओं की 190 से अधिक विशाल मूर्तियां लगाई गई हैं। महाकाल लोक परियोजना के पहले चरण पर 310 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इसके बाद 778 करोड़ की लागत से दूसरे चरण का काम शुरू हुआ था। इसके तहत महाकाल परिसर का विस्तार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

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